पीएम मोदी के NSA डोवाल के कश्मीर दौरे के बाद घाटी में 10,000 जवानों की अचानक तैनाती
श्रीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल दो दिनों का कश्मीर दौरा करके लौटे हैं। उनके कश्मीर दौरे के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में 10,000 अतिरिक्त जवानों को तैनाती के लिए भेज दिया है। अर्धसैनिक बलों के इन जवानों को घाटी में सुरक्षा व्यवस्था के लिए एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशंस को और ताकतवर बनाने के मकसद से रवाना किया गया है। आपको बता दें कि घाटी में इस समय राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है और इस वर्ष गर्मियों में यहां पर थोड़ी शांति रही है।
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सीनियर ऑफिसर्स से डोवाल ने की थी मुलाकात
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एनएसए डोवाल ने कश्मीर में सीनियर ऑफिसर्स से मुलाकात की थी। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति शासन के तहत घाटी की सुरक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया था। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि उनकी तरफ से घाटी में अतिरिक्त जवानों के लिए अनुरोध किया गया था। डीजीपी दिलबाग के मुताबिक इन अतिरिक्त जवानों को नॉर्थ कश्मीर में तैनात किया जाएगा। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त सुरक्षाबल को कश्मीर में कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने के अलावा 'काउंटर इनसर्जेंट ग्रिड' को मजबूत करने के लिए तैनात किया जाएगा। सूत्रों ने तो यहां तक जानकारी दी है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से जवानों को एयरलिफ्ट करके कश्मीर लाया जा रहा है।
डीजीपी बोले न लगाए कयास
डीजीपी दिलबाग के मुताबिक नॉर्थ कश्मीर में जवानों की संख्या कम है और ऐसे में अतिरिक्त जवानों की जरूरत है। 100 कंपनियों को एयरलिफ्ट किया गया है और ऐसा हमारे अनुरोध पर हुआ है। हाल ही में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए करीब 40,000 अतिरिक्त सुरक्षाबलों को घाटी में तैनाती के लिए भेजा गया था। 24 फरवरी को यानी पुलवामा आतंकी हमले के 10 दिन बाद पैरामिलिट्री फोर्सेज की 100 कंपनियों को एयरलिफ्ट किया गया था और घाटी में तैनात किया गया था। सरकार की ओर से उस समय कहा गया था कि इन सुरक्षाबलों को अप्रैल और मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर तैनात किया जा रहा है। इसके बाद सरकार ने यहां पर जमात-ए-इस्लामी को बैन किया और राज्य में इस संगठन के समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई की। दिलबाग सिंह के मुताबिक ट्रूप्स के डेप्लॉयमेंट को लेकर और कोई भी कयास नहीं लगाए जाने चाहिए।