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दिल्ली HC में समलैंगिक शादी पर सुनवाई का केंद्र ने किया विरोध, कहा- मैरिज सर्टिफिकेट के बिना कोई मर नहीं जाएगा

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नई दिल्ली, 24 मई: केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में उस याचिका पर सुनवाई का विरोध किया है, जिसमें मौजूदा कानून के तहत समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने की मांग की गई है। सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से कहा गया कि आज हम महामारी का सामना कर रहे हैं और कई अहम मुद्दे हमारे सामने हैं। ऐसे समय में इस याचिका पर सुनवाई की जल्दी क्या है। केंद्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि शादियों के विवाह सर्टिफिकेट के बिना कोई मर तो नहीं रहा है।

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दिल्ली हाईकोर्ट में समलैंगिक विवाहों को मौजूदा कानून के तहत ही मान्यता देने की मांग को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं। इसको लेकर अदालत में सुनवाई चल रही है। केंद्र सरकार से भी इस पर कोर्ट ने पक्ष रखने को कहा था। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई को लेकर ही एतराज जताया। मेहता ने कोर्ट में कहा, देश कोरोना से जूझ रहा है। इसके अलावा भी जरूरी मामले हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है। मुझे नहीं लगता कि कोई जीने मरना का ऐसा मुद्दा है कि जिस पर सबसे पहले सुनवाई हो।

मेहता ने कहा, कोरोना के समय में अस्पतालों में एडमिट होने के लिए विवाह सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है, इसके बिना कोई मर नहीं रहा है। सरकार के तौर पर हमारा ध्यान वर्तमान मुद्दों पर है। ऐसे में हम कोर्ट से इस मामले को टालने की गुजारिश करते हैं। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने छह जुलाई तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी।

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इससे पहले केंद्र सरकार ने अदालत में समलैंगिक विवाह का विरोध करते हुए कहा था कि हमारा समाज और नैतिक मूल्य इसकी मंजूरी नहीं देते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में समलैंगिक यौन संबंधों को सहमति प्रदान की थी, हालांकि इसमें शादी की बात नहीं की गई थी।

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English summary
Centre told to Delhi High Court that there are other urgent matters that need consideration and that nobody is dying because they dont have a marriage certificate
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