CBI के पूर्व निदेशक ने कहा- तलवार दंपित निर्दोष नहीं, संदेह का लाभ मिला
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में साल 2008 में हुए बहुचर्चि आरुषि हेमराज हत्याकांड में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। अदालत ने आरुषि के माता पिता नुपुर और राजेश तलवार को बरी कर दिया। इतना ही अदालत ने उनकी उम्र कैद की सजा को भी रद्द कर दिया। गौरतलब है कि बीते महीने 7 सितंबर को बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस की सुनवाई जनवरी में ही पूरी हो गई थी लेकिन तलवार दंपत्ति की तरफ से दोबारा से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने दुबारा सुनवाई करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। उस स्पष्टीकरण के आधार पर ही सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर कोर्ट ने अब फैसला सुनाते हुए सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए तलवार दंपत्ति को बरी करने का आदेश दिया है।
वहीं इस फैसले पर CBI के पूर्व निदेशक एपी सिंह ने कहा कि इस केस की सबसे बड़ी कमजोरी यह थी कि सीन ऑफ क्राइम को पहले ही दिन बुरी तरह बिगाड़ दिया गया था। नतीजतन, इसके बाद हमें क्राइम ऑफ सीन से कुछ नहीं मिला, जो हमारे लिए सबसे बड़ा नुकसान था। सिंह ने कहा कि अदालत के फैसले से उन्हें (तलवार दंपति को) क्लीन चिट नहीं मिल रही है, उन्हें संदेह का लाभ मिला है।
ये भी पढ़ें: 'हमारे परिवार ने बहुत कुछ झेला, जिसने समर्थन किया उनका शुक्रिया'