किरोड़ीलाल ने कराया महारानी दीया कुमारी का पत्ता साफ, सवाई माधोपुर से पूर्व प्रधान को दिलाया टिकट
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के लिए भाजपा ने शनिवार को उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी। इसमें 8 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है। इस सूची में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम है- आशा मीणा का, जिन्हें सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। आशा मीणा को जयपुर राजपरिवार की सदस्य और मौजूदा विधायक दीया कुमारी का टिकट काटकर उम्मीदवार घोषित किया गया है।
सवाई माधोपुर से ही चुनाव लड़ने पर अड़ी थीं दीया कुमारी
दीया कुमारी का टिकट काटकर जिन आशा मीणा को प्रत्याशी घोषित किया गया है, वह पूर्व प्रधान हैं। दीया कुमारी को झोटवाड़ा से टिकट देने पर पार्टी विचार कर रही थी, लेकिन दीया कुमारी ने स्पष्ट कर दिया था कि वह चुनाव लड़ेंगी तो सिर्फ और सिर्फ सवाई माधोपुर से। दीया कुमारी का कहना था कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सवाई माधोपुर में काफी विकास कार्य कराए हैं, ऐसे में किसी और सीट चुनाव लड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता।
किरोड़ी लाल मीणा के चलते कट गया दीया कुमारी का टिकट
राजपरिवार के किसी सदस्य का टिकट काटा जाना राजस्थान में बड़ी बात है और यह सब हुआ है किरोड़ी लाल मीणा के इशारे पर। वह सवाई माधोपुर से अपने खास उम्मीदवार को चुनाव लड़ाना चाहते थे, इसलिए आशा मीणा को दीया कुमारी पर तरजीह दी गई है। किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान की राजनीति में बड़ी शख्सियत हैं, ऐसे में उनकी बात को टालना बड़ा मुश्किल है।
राम की वंशज हैं दीया कुमारी, एक ही गोत्र में विवाह मचा था बवाल
दीया कुमारी के पिता का नाम भवानी सिंह और माता का नाम- पद्मिनी देवी है। दीया कुमारी की मां पद्मिनी देवी ने अपने राजपरिवार को राम के बेटे कुश का वंशज बताया था। दीया कुमारी उनकी इकलौती बेटी है। दीया कुमारी ने 1997 में लव मैरिज की थी, उनकी शादी के बाद राजपूत समाज में काफी हंगामा हुआ था। कारण था एक ही गोत्र में विवाह करना। इस वजह से भवानी सिंह को राजपूत समाज का काफी विरोध झेलना पड़ा था। दीया कुमारी ने अपनी दादी और पूर्व राजमाता गायत्री देवी के नक्शेकदम पर चलकर राजनीति में आने का फैसला लिया था। उन्होंने 2013 में नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह और वसुंधरा राजे सिंधियां की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके बाद उन्हें पार्टी ने सवाई माधोपुर सीट से टिकट दिया था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी।