विजय माल्या को लोन देने का ठीकरा भाजपा ने कांग्रेस पर फोड़ा, मनमोहन को लिखे पत्र का दिया हवाला
भारतीय बैंकों का 9,000 करोड रुपए से ज्यादा का पैसा लेकर भाग गए विजय माल्या को लोन देने का आरोप यूपीए शासन के समय में हुआ था।
नई दिल्ली। भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का पैसा लेकर भाग गए विजय माल्या को लोन देने का आरोप यूपीए शासन के समय में हुआ था। यह आरोप अब भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर लगाए हैं। संबित पात्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विजय माल्या को लोन यूपीए शासन के दौरान दिया गया था। इस दौरान संबित पात्रा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ विजय माल्या के बीच पत्राचार और पत्रों को भी मीडिया के सामने रखा।
संबित पात्रा ने दावा कि किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक रहे विजय माल्या ने लोन को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात थी। पर मनमोहन ने इस बावत विजय माल्या को शीर्षस्थ नौकरशाह से बात करने को कहा था। बाद में मनमोहन के निर्देश पर ही विजय माल्या उनके एडवाइजर टी.के.नायर से मिले थे।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बताया कि विजय माल्या ने मनमोहन सिंह और चिदंबरम को दो चिट्ठियां लिखीं थी। उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को विजय माल्या ने पहला पत्र 4 अक्टूबर 2011 को और दूसरा पत्र 22 नवंबर 2011 को लिखा था, जबकि पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम को विजय माल्या ने 21 मार्च 2013 और 22 मार्च 2013 को दो पत्र लिखे थे।
संबित पात्रा ने दावा किया कि 4 अक्टूबर 2011 को पीएम मनमोहन सिंह को लिखे अपने पहले पत्र में विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को मदद करने पर खुशी जाहिर की थी। विजय माल्या ने पत्र में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को कहा था कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन की मदद की, इस बात की उन्हें काफी खुशी है।
संबित पात्रा ने कहा कि 14 नवंबर 2011 को आए मनमोहन सिंह के एक बयान के जरिए यह पता चलता है कि उन्होंने विजय माल्या की मदद की थी। संबित पात्रा ने उस बयान का हवाला देकर कहा कि प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था कि हमने किंगफिशर एयरलाइंस को मुश्किल से निकालने का रास्ता निकाल लिया।
आपको बताते चले कि पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि ने बेल आउट पैकेज की घोषणा की थी। संबित पात्रा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने विजय माल्या की किस हद तक मदद की इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आयकर विभाग ने विजय माल्या का अकाउंट जब्त कर दिया तो मनमोहन सिंह के दबाव में उनका अकाउंट फिर से खोलना पड़ा।