बिहार: अब 8463 मुखिया भी लड़ेंगे कोरोना के खिलाफ लड़ाई, गांवों पर नजर रखने के लिए मुस्तैदी
पटना। बिहार में अब कोरोना पोजिटिव की संख्या छह से बढ़ कर सात हो गयी है। कोरना का यह सातवां मरीज पटना के खेमनीचक का रहने वाला है। उसकी उम्र 20 साल है और वह नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत है। कोरोना के खौफ के बाद करीब 80 हजार लोग दूसरे राज्यों से बिहार लौटे हैं। इनमें अधिकतर लोग मेहनकश हैं जो अलग-अलग गांवों में अपने घर पहुंच चुके हैं। जिस तेजी से भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है उससे चिंता बढ़ गयी है। अकेले बुधवार को कोरोना के 93 मामले सामने आये। एक दिन में कोरोना मरीजों की यह सबसे बड़ी संख्या है। दो दिनों के अंदर ही आठ और कुल 16 लोगों की मौत हो गयी। पिछले पांच दिनों में हालात तेजी से बदले हैं। अब कोरोना से लड़ाई में गांव के मुखिया भी शामिल होंगे।
मुखिया भी लड़ेंगे कोरोना के खिलाफ
स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने अब अपना ध्यान शहरों के साथ-साथ गांवों पर भी केन्द्रित किया है। गांवों में बाहर से आये लोगों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अब सरकार राज्य के 8463 मुखिया के सहयोग से गांव-गांव में कोरोना से लड़ने की तैयारी कर रही है। हर पंचायत में किसी एक सरकारी भवन को क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना है। अगर गांव में कोई व्यक्ति कोरोना का संदिग्ध पाया जाता है तो उसे स्थानीय क्वारेंटाइन में रखा जाएगा और उसका वहीं इलाज किया जाएगा। गांव में मुखिया लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूक करेंगे। मुखिया और वार्ड मेम्बर की मदद से प्रखंडस्तर के अस्पताल या पीएचसी गांव के लोगों के इलाज की सुविधा मुहैया कराएंगे।
बिहार में एक हजार से अधिक सर्विलांस पर
बिहार में गुरुवार तक कुल 401 संदिग्ध नमूनों की जांच की जा चुकी है जिसमें से केवल सात ही पोजिटिव पाये गये। शेष 395 सैंपल निगेटिव रहे। अभी कुल 1228 लोगों को निगरानी में रखा गया है। सबसे अधिक गोपालगंज में 183 लोग सर्विलांस पर रखे गये हैं। कोरोना संदिग्धों के मामले में भागलपुर दूसरे स्थान पर तो सीवान तीसरे स्थान पर है। दूसरे राज्यों से आने वालों की बढ़ती संख्या से ग्रामीणों में हड़कंप है। औरंगबाद के सोशुना गांव में बाहर से आये 45 लोगों को जब घुसने नहीं दिया गया तो उन्हें स्कूल भवन में ही क्वारेंटाइन किया गया। गया जिले के बांके बाजार बाहर से आये लोगों को स्कूल भवन में क्वारेंटाइन किया गया। समस्तीपुर जिले में करीब दस हजार लोग बाहर से आये हैं। इनमें 300 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है। स्थिति से निबटने के लिए शहर में पांच आइसोलेशन सेंटर बनाये गये हैं।
श्राद्ध का भोज करने पर FIR
पुलिस और प्रशासन की सख्ती से लॉकडाउन प्रभावी है। समस्तीपुर के रोसड़ा में एक व्यक्ति की मौत के बाद परिजनों ने श्राद्ध कर्म पर भोज का आयोजन किया था। इस भोज में लॉकडाउन के निर्देशों को तोड़ कर बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके बाद पुलिस ने भोज के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया। प्रशासन की तरफ से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोग अगर खाने-पीने का सामान खरीदने के लिए बाहर निकलें तो एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बना कर रखें।
साधारण फ्लू होने पर भी डर रहे लोग
कोरोना का खौफ इस कदर छाया हुआ है लोग साधारण जुकाम, खांसी होने पर भी अस्पताल पहुंच जा रहे हैं। बुधवार को पटना एम्स में 85 लोग इलाज के पहुंचे। उन्हें साधारण सर्दी-खांसी थी। सभी की जांच के बाद मात्र पांच लोगों को आऱसोलेशन वार्ड में रखने लायक माना गया। इसी तरह इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 25 लोगों ने अपनी जांच करायी जिसमें से केवल 12 की सैंपल लिया गया। बाकी लोगों को सर्दी -खांसी की दवा देकर घर भेज दिया गया। पटना के कुछ प्रमुख डॉक्टर टेलीफोन से भी लोगों को सलाह दे रहे हैं। अखबार के माध्यम से उनका फोन नम्बर सार्वजनिक किया गया है। साधारण फ्लू होने पर लोग उनसे सलाह ले रहे हैं।
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