भीमा कोरेगांव हिंसा: कुंए में मिली 19 साल के चश्मदीद की लाश
पुणे: 1 जनवरी को पुणे के भीमा कोरेगांव में दो समुदायों के बीच दंगा भड़क गया था। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी। वहीं इस हिंसा की गवाह एक 19 साल की चश्मदीद की लाश दंगा प्रभावितों के लिए लगाये गये राहत शिविर के पास ही एक कुंए में मिली है। पूजा साकत के परिवार ने इसके पहले पुलिस में मामला भी दर्ज कराया था कि कुछ लोग उनको बार-बार धमकी दे रहे हैं औऱ प्रताड़ित कर रहे हैं क्योंकि वो भीमा कोरेगांव हिंसा की गवाह थी। खबरों के मुताबिक, 11वीं क्लास की छात्रा पूजा साकत ने अपने परिवार के लिए एक अलग ठिकाने की मांग में कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी काटे थे।
पूजा को पहले भी मिल रही थी धमकी:
पूजा के भाई का कहना है कि पुलिस को पूजा के गायब होने की खबर भी दी थी। भीमा कोरेगांव से 2 किमी दूर एक कुंए में उसकी लाश मिली। भाई का कहना है कि उन्हें शक है कि स्थानिय लोगों द्वारा उसे कुंए में धक्का देकर गिरा दिया गया होगा। वहीं पुलिस का कहना है कि वो मामले की छानबीन कर रहे हैं औऱ पूजा के घरवालों के आरोपों को भी ध्यान में रखे हुए हैं लेकिन पहले ये पता लगाया जाएगा कि पूजा की मौत की असली वजह क्या है?
महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में दो पक्षों के बीच हिंसा की शुरुआत हुई थी, जिसमें एक शख्स की मौत हो गयी थी. जिसके बाद हिंसा का विस्तार प्रदेश के कई शहरों तक हो गया था। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, अहमदनगर जैसे शहर भीमा कोरेगांव हिंसा की चपेट में थे।
बता दें कि इस संबंध में एकबोटे तथा संभाजी भिड़े गुरूजी के खिलाफ दंगा भड़काने के आरोपों के तहत शिक्रापुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने 14 मार्च को एकबोटे को उनके शिवाजी नगर स्थित घर से गिरफ्तार किया था। भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार समस्त हिंदू आघाड़ी के कार्याध्यक्ष मिलिंद एकबोटे को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस. एम. मेनजोगे ने गुरूवार को सशर्त जमानत दे दी है। जमानत की शर्तों के अनुसार एकबोटे न पत्रकारवार्ता ले पाएंगे और न ही उन्हें कोई सभा आयोजित करने या भाषण देने की अनुमति होगी। इसके अलावा उन्हें हर सोमवार को शिक्रापुर पुलिस थाने में हाजिरी भी लगानी होगी।
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