Bharat Biotech का दावा- एक हफ्ते का वक्त दीजिए, साबित कर देंगे कि 'कोवैक्सीन' नए स्ट्रेन पर प्रभावकारी है
Bharat Biotech का दावा- एक हफ्ते का वक्त दीजिए, साबित कर देंगे कि 'कोवैक्सीन' नए स्ट्रेन पर प्रभावकारी है
Bharat Biotech on Covaxin to protect against coronavirus new strains: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 3 जनवरी 2021 को दो कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' को मंजूरी दे दी है। अब इन दोनों में से भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन को लेकर विवाद हो रहा है। जिसके पीछे की वजह से है कि कोवैक्सीन का इफिकेसी डेटा अब तक उपलब्ध नहीं है। 'कोवैक्सीन' की प्रभावशीलता और सुरक्षा को लेकर डेटा ना होने की वजह से लोग सवाल उठा रहे हैं। विवाद बढ़ने के बाद खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोवैक्सीन ब्रिटने में फैले कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी होगा। इन्ही विवादों को लेकर अब भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला (Dr Krishna Ella) ने कहा है जो भी हमारी वैक्सीन को लेकर विवाद हो रहे हैं, वो सही नहीं है।
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इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कृष्णा एला ने कहा है, हमारी कंपनी द्वारा बनाई गई 'कोवैक्सीन' कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी है, कंपनी को आप एक हफ्ते का वक्त दीजिए, हम ये साबित कर देंगे। हमारी वैक्सीन प्रभावी है, इसलिए सरकार द्वारा उसको मंजूरी दी गई है।
डॉ. कृष्णा एला ने कहा है, ''जो भी विवाद किए जा रहे हैं वो केवल एक परिकल्पना है ... लेकिन अभी मुझे एक सप्ताह का समय दें (और) मैं आपको इसका पुष्टिकरण डेटा दूंगा।''
भारत बायोटेक ने कसौली में Central Drugs Laboratory में गुणवत्ता की जांच और मंजूरी के लिए 5 मिलियन डोज भेजी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द जनता के बीच ये वैक्सीन उपयोग के लिए रोल आउट करने में सक्षम होगा। डॉ. एला ने कहा है कि हमने कोवैक्सीन के 10 मिलियन खुराकों को स्टॉक में रख लिया है। फरवरी तक 10 मिलियन और तैयार कर लेंगे। उन्होंने कहा, म जुलाई-अगस्त तक 150 मिलियन खुराक तैयार करेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दावा किया है कि कोवैक्सीन के एन 501वाई (ब्रिटेन में पाया गया कोरोना का नया स्ट्रेन) जैसे नये स्वरूपों के खिलाफ कहीं अधिक काम करने की संभावना है क्योंकि इसमें स्पाइक प्रोटीन के अलावा अन्य जीनों से लिए गए एपीटोप हैं। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से विकसित किया है।