सर्वे: लोकसभा चुनाव में रोजगार और स्वास्थ्य रहेगा सबसे बड़ा मुद्दा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में रोजगार के बेहतर अवसर और स्वास्थ्य के लिए बेहतर सुविधा मतदाताओं के लिए पहली प्रथामिकता है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से किए गए मतदाता सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। यह सर्वे लोकसभा चुनाव 2019 से पहले एडीआर ने अक्टूबर 2018 और दिसंबर 2018 के बीच किया है। इसमें 534 लोकसभा क्षेत्रों को कवर किया गया है जिसमें 2,73,487 मतदाताओं ने हिस्सा लिया है।
मतदाताओं के लिए रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाएं अहम
इस सर्वे में एडीआर की ओर से मतदाताओं के लिए 31 बिन्दुओं को सूचीबद्ध किया गया था जिसमें पीने का पानी, बिजली, सड़क, भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सर्वाजनिक परिवहन जैसे मुद्दे शामिल है। इसमें में मतदाताओं को अपनी पांच प्रमख प्राथमिकताओं पर राय देनी थी। इसके साथ-साथ इसमें सर्वे में सरकार के प्रदर्शन के लिए भी एक प्वाइंट शामिल किया गया था जिसमें तीन ऑप्शन गुड, एवरेज और खराब दिए गए थे। इस सर्वे में टॉप टेन वोटर्स की प्राथमिकताओं से यह बात सामने आई है कि भारतीय मतदाताओं ने रोजगार और बुनियादी सुविधाओं (जैसे हेल्थकेयर, पेयजल, बेहतर सड़क आदि) पर ज्यादा जोर दिया है।
सरकार का प्रदर्शन औसते से नीचे
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सरकार इन क्षेत्रों में मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी है। ऐसे में यह चौतरफा और समान विकास के लिए यह महत्वपूर्ण है कि सरकार यह सुनिश्चित करे की ऐसी बुनियादी सेवाएं समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे, क्योंकि मनुष्य के विकास में ये महत्पूर्ण होते हैं। इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि टॉप 10 मतदाताओँ की प्राथमिकताओं पर सरकार का प्रदर्शन औसते से नीचे है। यह स्पष्ट रूप से संकेत करता है कि मतदाता सरकार के प्रदर्शन से असंतुष्ट हैं। इसलिए, सरकार को इन क्षेत्रों में विशेष रूप से प्राथमिकता देने और निवेश करने की आवश्यकता है।
मतदाताओं के लिए नौकरियां सबसे बड़ीं चिंता
यही बात अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय और सीएसडीएस द्वारा जारी एक सर्वे में भी सामने आई है, जहां पर मतदाताओं के लिए नौकरियां सबसे बड़ी चिंता का विषय हैं। बता दें कि यह सर्वे पॉलिटिक्स एंड सोसाइटी बिटवीन इलेक्शन 2017-2019 को लेकर किया गया है। इस सर्वे के लिए 12 राज्यों में 24,000 से अधिक लोगों का इंटरव्यू किया गया जिसमें 20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नौकरियां प्रमुख चिंता का विषय हैं। इस सर्वे में 49 प्रतिशत युवा है जिनकी उम्र 18 से 35 साल है। इस सर्वे में युवाओं ने नौकरी के बाद विकास, कानून व्यवस्था और शासन और भ्रष्टाचार पर चिंता जताई है।
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