
'असली' शिवसेना की जंग पहुंची सुप्रीम कोर्ट, उद्धव ठाकरे ने की चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक की मांग
नई दिल्ली, 25 जुलाई: महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद अब 'असली शिवसेना' की जंग जारी है। उद्धव ठाकरे खेमे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े के बीच 'शिवसेना' नाम को पाने की लड़ाई चल रही है। अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने सुप्रीम कोर्ट से 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता के लिए एकनाथ शिंदे की टीम को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है।

'असली' शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया के खिलाफ उद्धव ठाकरे खेमा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। उद्धव ठाकरे के गुट ने दावा किया है कि जब तक बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक चुनाव आयोग यह निर्धारित नहीं कर सकता कि असली शिवसेना कौन है?
अपनी याचिका में उद्धव ठाकरे गुट ने कहा है कि अगर ईसीआई को 22.07.2022 को उसके द्वारा शुरू की गई कार्यवाही के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है, तो यह न्यायालय के अवमानना के बराबर है। यदि चुनाव आयोग इस मामले पर आगे बढ़ता है तो यह "अपूरणीय क्षति" का कारण बनेगा, जो मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है, उसमें जांच करना न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप के बराबर है। याचिका में आगे कहा गया है कि एकनाथ गुट शिवसेना के संविधान के विपरीत कई अवैध गतिविधियों में लिप्त रहा है।
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बता दें कि पिछले महीने शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया, जिससे ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। फिर शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी पर दावा किया था।