असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया मुस्लिम प्रतिनिधित्व का मुद्दा, चार भाजपा शासित राज्यों में एक भी मुसलमान मंत्री नहीं
असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया मुस्लिम प्रतिनिधित्व का मुद्दा, चार भाजपा शासित राज्यों में एक भी मुसलमान मंत्री नहीं
नई दिल्ली। हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य सरकारों में मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व का मामला उठाया है। ओवैसी ने कहा है कि आबादी के लिहाज से मुस्लिम प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडलों और विधानसभाओं में नहीं है। साथ ही उन्होंने भारतीय जनतार पार्टी के मुसलमानों के दूरी रखने की ओर इशारा करते हुए कहा है कि भाजपा की सरकारों वाले चार राज्य,जहां अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है, वहां एक भी मुसलमान मंत्री क्यों नहीं है।
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असदुद्दीन ओवैसी ने इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक लेख को ट्विटर पर शेयर किया है। इस लेख में बताया गया है कि कैसे देश के अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं में मुसलमान आबादी के लिहाज से कम प्रतिनिधित्व रखते हैं। इस ट्वीट को शेयर करते हुए ओवैसी ने लिखा- देश के 80 फीसदी मुसलमान 10 राज्यों में रहते हैं। इन दस में से भी चार में भाजपा की सरकारें हैं, जहां एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है। देश में मुसलमानों की आबादी 14 फीसदी है लेकिन राज्यों में मु्स्लिम मंत्रियों का प्रतिनिधित्व महज 3.93 फीसदी है। ओवैसी ने ये भी कहा है कि इन दस राज्यों में 2014 के पहले और बाद में यानी नरेंद्र मोदी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद काफी बदलाव आया है। इन दस राज्यों में मुसलमान मंत्री 2014 के पहले के मुकाबले अब आधे रह गए हैं।
जो लेख ओवैसी ने शेयर किया है। उसमें बताया गया है कि कैसे देश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक आबादी का राज्यों और केंद्र में राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम रहा है और हाल के सालों में ये और सिकुड़ गया है। लेख में दिए आंकड़ों के मुताबिक, जिन 10 राज्यों में देश की 80 फीसदी आबादी रहती है, वहां मंत्रियों की कुल संख्या 281 है, जिसमें सिर्फ 16 मुसलमान मंत्री हैं। इनमें से भी असम, गुजरात, कर्नाटक और बिहार में एक भी मुसलमान मंत्री नहीं है। भाजपा शासित राज्यों में उत्तर प्रदेश में ही एक मुसलमान मंत्री है। वहीं 2014 के पहले इन राज्यों में सिर्फ गुजरात ऐसा था, जहां कोई मुसलमान मंत्री नहीं थी। 2014 के पहले इन दस राज्यों में मुसलमान मंत्रियों की संख्या 34 थी जो कि अब आधे से भी कम होकर 16 रह गई है।