केरल जैसी हिंसा बीजेपी शासित राज्य में होती तो अवॉर्ड वापसी शुरू हो जाती: जेटली
नई दिल्ली। केरल में आरएसएस कार्यकर्ता राजेश इडवाकोडे की हत्या के करीब सप्ताह भर बाद केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली उसके परिजनों से मिलने गए। वह राजेश के परिजनों से तिरुवनंतपुरम स्थित घर में रविवार को मिले। अरुण जेटली ने कहा, जिस तरह से राजेश को मारा गया वह बहुत ही बुरा है। केरल में इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे हमारे कार्यकर्ता डरेंगे नहीं, बल्कि इससे वह अपने काम को और अच्छे से करेंगे। अरुण जेटली ने कहा है कि अगर केरल जैसी हिंसा बीजेपी शासित राज्य में होती तो अवॉर्ड वापसी शुरू हो जाती।
उन्होंने कहा- राजेश एक कमजोर तबके के व्यक्ति थे। वह एक गरीब परिवार से आते थे और अब उनके बिना उनके परिवारवालों का पेट पालने के लिए कोई नहीं है। उनकी हत्या करने के लिए उन पर 70-80 वार किए गए। इतने निर्दयी तो दुश्मन भी नहीं होते हैं, जितने निर्दयी राजेश की हत्या करने वाले थे। पिछले कुछ महीने में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले हुए हैं और उनके घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया है।
केरल के तिरुवनंतपुरम में एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था- मुझे उम्मीद है कि केरल में राजनीतिक हिंसा को रोक दिया गया है और जल्द से जल्द अपराधियों को सजा दिलाई जाएगी। इस हमले के लिए आरएसएस ने सीपीएम कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में अभी तक 8 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया जा चुका है।
माना
जा
रहा
राजनीतिक
हत्या
केरल
भाजपा
यूनिट
के
चीफ
कुम्मानम
राजेशकरन
ने
कहा
कि
सीपीआई
के
कार्यकर्ताओं
ने
ये
हमला
किया
है,
आरएसएस
से
जुड़े
एक
दूसरे
व्यक्ति
पर
भी
हमला
हुआ
है।
उन्होंने
कहा
कि
इस
तरह
से
रजानीतिक
हत्याएं
केरल
में
एक
खतरनाक
ट्रेंड
बनती
जा
रही
हैं।
तिरुवनंतपुरम
में
इस
तरह
का
ये
कोई
पहला
मामला
नहीं
है,
वहां
सीपीएम
और
आरएसएस
के
लोगों
के
बीच
टकराव
की
खबरें
लगातार
आती
रहती
हैं।
कब
हुआ
ये
हमला?
आरएसएस
कार्यकर्ता
राजेश
इडावाकोडे
पर
29
जुलाई
को
यह
हमला
तब
हुआ
था,
जब
वो
आरएसएस
की
शाखा
से
लौट
रहे
थे।
घायल
हालत
में
उन्हें
तिरुवनंतपुरम
मेडिकल
कॉलेज
ले
जाया
गया,
जहां
से
उन्हें
डॉक्टरों
ने
एक
प्राइवेट
अस्पताल
के
लिए
रेफर
कर
दिया।
यहां
पर
इलाज
के
दौरान
उन्होंने
दम
तोड़
दिया।
बीजेपी
के
प्रदेश
अध्यक्ष
के.
राजशेखरन
ने
आरोप
लगाया
कि
हमले
के
पीछे
माकपा
का
हाथ
है।