अनुच्छेद 370 पर ममता बनर्जी की दो टूक, कहा- हम इस बिल का समर्थन नहीं कर सकते
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के फैसले पर कई विरोधी पार्टियों ने समर्थन किया है। इनमें अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, तेलगुदेशम पार्टी समेत कई दल शामिल हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और धारा 370 के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी अपना रुख साफ किया है। ममता बनर्जी ने साफ किया कि हम इस बिल का समर्थन नहीं कर सकते, हम इस बिल के लिए मतदान नहीं कर सकते।
'हम इस बिल के लिए मतदान नहीं कर सकते'
अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा, "हम इस बिल का समर्थन नहीं कर सकते। हम इस बिल के लिए मतदान नहीं कर सकते। केंद्र सरकार को इस फैसले के लिए सभी राजनीतिक दलों और कश्मीरियों से बात करनी चाहिए थी। अगर आपको एक स्थायी समाधान पर पहुंचने की आवश्यकता है, तो आपको सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करनी होगी।"
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फारूक, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के लिए ममता ने कही ये बात
तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने कहा, "मुझे फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वे अलग-थलग महसूस नहीं करें। वे आतंकवादी नहीं हैं। उन्हें लोकतांत्रिक संस्थानों के हित के मद्देनजर छोड़ा जाना चाहिए।"
राज्यसभा में टीएमसी ने किया था वॉकआउट
बता दें कि जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने संबंधी संकल्प के साथ राज्य पुनर्गठन बिल और आरक्षण संशोधन बिल पेश किया। दोनों ही बिल को सदन की मंजूरी मिल गई। पुनर्गठन बिल पर हुई वोटिंग में इसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े। वहीं राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को संसद में विरोध जताया था। पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर केंद्र सरकार ने संवैधानिक नियमों को दरकिनार किया। उनकी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और वाकआउट किया।