मंत्री अजय मिश्रा ने लखीमपुर हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया, कहा- बेरिकेडिंग नहीं की थी
लखीमपुर खीरी। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले पर बयान दिया है। मंत्री अजय मिश्रा ने अपने आरोपी बेटे का बचाव करते हुए पुलिस प्रशासन पर दोष मढ़ा। मिश्रा ने कहा कि, "किसानों आंदोलनकारियों को सड़क पर प्रदर्शन करने की अनमुति दी गई, लेकिन पुलिस द्वारा रूट को अवरुद्ध नहीं किया गया। वहां कोई बेरिकेडिंग नहीं की गई। फिर जो हुआ, वो दुर्भाग्यपूर्ण है।"
मंत्री ने किया अपने बेटे का बचाव
मंत्री
अजय
मिश्रा
ने
सिघा
खुर्द
गांव
में
सभा
में
कहा,
"जिस
रोज
हिंसा
हुई..तब
हमारा
एक
कार्यकर्ता,
श्याम
सुंदर
निषाद
पुलिस
के
साथ
जीवित
था
और
एम्बुलेंस
तक
पहुँच
गया
था,
लेकिन
उसे
खींचकर
मार
दिया
गया।"
मिश्रा
बोले,
"अब
इस
मामले
में
दोषी
पुलिसकर्मियों
को
बख्शा
नहीं
जाएगा
और
सरकार
उनके
खिलाफ
जांच
करेगी।"
जिस
वक्त
अजय
मिश्रा
ऐसा
बोल
रहे
थे,
तो
वहां
कई
भाजपा
नेता
मौजूद
थे।
वहीं
पर,
केंद्रीय
मंत्री
ने
लखीमपुर
हिंसा
में
मारे
गए
हरिओम
मिश्रा,
श्याम
सुंदर
निषाद
और
शुभम
मिश्रा
को
श्रद्धांजलि
दी।
मिश्रा
ने
भाजपा
के
अन्य
नेताओं
की
मौजूदगी
में
कहा
कि,
सरकार
ने
जांच
एजेंसी
को
घटना
की
जांच
के
लिए
खुली
छूट
दे
दी
है।
गिरफ्तार किया जा चुका है आशीष
गौरतलब है कि, अजय मिश्रा के ही बेटे आशीष पर किसान आंदोलनकारियों पर गाड़ी चढ़ाने के आरोप हैं। आशीष मिश्रा का नाम पुलिस की एफआईआर में है और वह पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस द्वारा उससे पूछताछ की जा रही है। इस पूरे मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बीते रोज आशीष के पिता व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान मारे गए तीन भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए सिंघा खुर्द गांव में हुई एक सभा को संबोधित किया। वहां इस कार्यक्रम के दौरान भाजपा विधायक योगेश वर्मा, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष आचार्य संजय मिश्रा, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामजी पांडेय समेत अन्य नेता मौजूद थे।
मृतक के भाई ने क्या कहा?
वहीं,
पर
श्याम
सुंदर
के
भाई
संजीव
निषाद
ने
कहा,
"मुझे
खुशी
है
कि
मंत्री
ने
मेरे
भाई
की
पुलिस
हिरासत
में
मौत
का
मुद्दा
उठाया
है।
मुझे
विश्वास
है
कि
जल्द
ही
आरोपी
को
पकड़
लिया
जाएगा
और
पुलिसकर्मियों
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
जाएगी।
सभा
में
केंद्रीय
मंत्री
अजय
ने
कहा
कि,
पुलिस-प्रशासन
की
खामियों
की
वजह
से
घटना
हुई।
उन्होंने
कहा
कि,
लखीमपुर
खीरी
में
किसानों
को
एक
सड़क
पर
कब्जा
करने
की
अनुमति
दे
दी
गई
और
फिर
पुलिस
द्वारा
मार्ग
को
अवरुद्ध
नहीं
किया
गया।
मंत्री
ने
रविवार
को
कहा
कि,
वहां
जिन
तीन
भाजपा
कार्यकर्ताओं
की
मौत
हुई,
वो
दुर्भाग्यपूर्ण
है।
और,
जिस
तरह
से
अधिकारियों
की
मौजूदगी
में
यह
घटना
हुई,
वह
पुलिस
और
प्रशासन
दोनों
की
लापरवाही
को
दर्शाता
है।
इस बीच, लखीमपुर के एसपी विजय शुल ने कहा कि, वह इस तरह के किसी भी आरोप से अनजान हैं और कहा कि मामले की जांच एसआईटी के पास है।
आज संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर छह घंटे के राष्ट्रव्यापी 'रेल रोको' विरोध की घोषणा की है।