Air Suvidha क्यों खत्म की गई, अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों को कैसे मिलेगी बड़ी राहत ?
Air Suvidha Form: केंद्र सरकार ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों के लिए एयर सुविधा फॉर्म भरने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। इससे भारत आने वाले लाखों अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों को तो राहत मिली ही है, होटल और टूरिज्म उद्योग से जुड़े लोगों की भी जान में जान आई है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत आने वाले यात्रियों के लिए एयर सुविधा फॉर्म भरने की व्यवस्था दो साल से भी पहले शुरू की गई थी। तब नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद थीं और सिर्फ एयर बबल वाले रूट पर स्पेशल फ्लाइट ही चला करती थीं। लेकिन, इस साल मार्च से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें तो शुरू हो गई थीं, लेकिन एयर सुविधा फॉर्म भरने की औपचारिकता बंद नहीं हो पाई थी।
एयर सुविधा फॉर्म भरने की अनिवार्यता खत्म
विदेशों से भारत आने वाले हवाई यात्रियों को मंगलवार यानि 22 नवंबर, 2022 से एयर सुविधा फॉर्म भरने की आवश्यकता खत्म कर दी गई है। उन्हें एयर सुविधा पोर्टल पर निगेटिव RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट अपलोड करने की जरूरत भी नहीं रह गई है। भारत की यात्रा करने की चाहत रखने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले इन औपचारिकताओं को पूरी करने से मिली छूट उनके लिए बहुत बड़ी राहत की तरह है। दरअसल, कोविड-19 के एंडेमिक स्टेज में पहुंचने की वजह से यह फैसला समय की मांग समझी जा रही है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब वैक्सीनेशन का दायरा भी काफी विस्तृत हो चुका है।
एयर सुविधा फॉर्म भरने की क्या आवश्यकता थी ?
एयर सुविधा पोर्टल 2020 के अगस्त में लॉन्च किया गया था। यह वो दौर था, जब धीरे-धीरे देशव्यापी लॉकडाउन से राहत मिलनी शुरू हो गई थी। कोविड के खतरे को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों के लिए यह अनिवार्य था कि वह अपनी यात्राओं की पूरी डिटेल, कोविड टेस्टिंग की स्थिति और उसके बाद कोविड वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी एयर सुविधा फॉर्म भरकर साझा करें। प्री-एरायवल सेल्फ-रजिस्ट्रेशन पोर्टल के माध्यम से प्रशासनिक एजेंसियों को यह पता लगाना आसान होता था कि यात्री जिस जगह से आ रहा है, वह हाई-रिस्क वाला क्षेत्र तो नहीं है ? उस यात्री की हाल की हेल्थ हिस्ट्री क्या है? पिछले साल जब ओमिक्रॉन वेरिएंट ने कहर बरपाना शुरू किया था तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोर्टल पर कुछ डिटेल को साझा करना पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया था। जैसे कि पैसेंजर की 14 दिनों की पूरी ट्रैवल हिस्ट्री के साथ-साथ निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट। इससे यह मालूम हो जाता था कि जो व्यक्ति आ रहा है, वह 'ज्यादा जोखिम' वाले देश से तो नहीं है।
एयर सुविधा की क्यों हो रही थी आलोचना ?
जब कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा था, तब अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या काफी कम थी। इसलिए तब कोई ज्यादा मारा-मारी नहीं थी। तब विदेशों से कोविड संक्रमण के भारत आने का खतरा बढ़ा हुआ था। लेकिन, जब सरकार ने 27 मार्च, 2022 से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मंजूरी दे दी और दो साल से चली आ रही यह पाबंदी खत्म कर दी गई, तो इंटरनेशनल पैसेंजरों की तादाद अचानक से बढ़ गई। लेकिन, बैन हटाने के बावजूद एयर सुविधा वाली औपचारिकता जारी थी। ऐसे में यात्रियों की बढ़ी हुई तादाद के हिसाब से एयर सुविधा पोर्टल काम नहीं कर पा रहा था। यात्रियों की शिकायतें थीं कि कोविड निगेटिव रिपोर्ट अपलोड करने के बावजूद सिर्फ एयर सुविधा पावती प्रमाण पत्र प्राप्त करने में घंटों लग जाते हैं। और जिसके बिना यात्रा की इजाजत नहीं थी। सिस्टम को अपग्रेड करने की कोशिश भी की गई, लेकिन यह समस्या फिर भी पूरी तर ठीक नहीं हो पा रही थी। जिसकी वजह से भारत आने की चाहत रखने वाले यात्रियों को बड़ी दिक्कतें होती थी।
एयर सुविधा फॉर्म क्यों खत्म की गई ?
एयर सुविधा फॉर्म की औपचारिकता खत्म करने की मांग तभी से शुरू हो गई थी, जब नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मार्च में हरी झंडी दे दी गई थी। जून से इसपर गंभीरता से विचार किया जाने लगा। इसे खत्म करने को लेकर सरकार के भीतर भी राय बंटी हुई थी। नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालय चाहता था कि यह व्यवस्था खत्म हो जानी चाहिए। लेकिन, स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बात की परेशानी थी कि कोविड के नए वेरिएंट के देश में पहुंचने का खतरा बढ़ सकता है। जून में दोनों मंत्रालयों के अनुरोध को नहीं माना गया, लेकिन अगस्त में इसपर पुनर्विचार करने का भरोसा दिया गया था। आखिरकार 21 नवंबर, 2022 को वह फैसला ले लिया गया। पर्यटन और होटल कारोबार से जुड़े लोग भी सरकार से इस एयर सुविधा खत्म करने की लगातार मांग कर रहे थे।
क्या हवाई यात्रियों से सभी कोविड प्रतिबंध खत्म किए जा चुके हैं ?
एयर सुविधा आखिरी कोविड प्रतिबंध था, जिसे की हटा लिया गया है। पिछले हफ्ते ही सरकार ने विमानों में मास्क पहने की अनिवार्यता को खत्म करके इसे स्वैच्छिक कर दिया है। कोरोना के समय सीमित घरेलू उड़ान, नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक, किराए को लेकर पाबंदियां और विमान में भोजन देने आदि पर पाबंदियां थीं, जो अब सारी बहाल हो चुकी हैं। इस तरह से भारत का एविएशन सेक्टर अब कोविड पाबंदियों से निकलकर सामान्य यात्रा की ओर कदम बढ़ा चुका है।