भारत सरकार दिसंबर बाद लाएगी वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम में तेजी, ये है पूरा प्लान
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: भारत सरकार की ओर से कोरोना वैक्सीन के निर्यात को फिर से शुरू कर दिया गया है। कोरोना के नए मामलों में कमी के मद्देनजर भारत सरकार ने अक्टूबर से फिर से वैक्सीन मैत्री के तहत वैक्सीन निर्यात को शुरू कर दिया। वहीं अब जानकारी मिल रही है कि दिसंबर तक मैत्री कार्यक्रम के तहत कोविड -19 वैक्सीन निर्यात को सरकार गति दे सकती है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपनी मानवीय पहल के तहत वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम में फिर से तेजी ला सकता है। वर्तमान में राज्यों के पास कुल नौ करोड़ टीकों का स्टॉक है और मोदी सरकार अगले दो महीनों में इतने ही शॉट्स की उम्मीद कर रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक जैसे ही हम ऐसी स्थिति में पहुंचेंगे जहां हमारे पास भारतीय आबादी की आवश्यकता से अधिक वैक्सीन स्टॉक होगा, हम अन्य देशों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए निर्यात में तेजी लाएंगे।
अधिकारी ने बताया कि पहले यह अनुमान लगाया गया था कि देश 2021 की चौथी तिमाही तक निर्यात फिर से शुरू करने की स्थिति में होगा। हमें विश्वास है कि नवंबर-दिसंबर तक हमारे पास अतिरिक्त स्टॉक उपलब्ध होगा, जिसे वैक्सीन मैत्री के तहत निर्यात किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश पहली प्राथमिकता है, ऐसे में अगर साल के अंत तक भारत के अधिकांश हिस्सों को टीका लगाने के अपने मिशन के तहत काम होता है तो फिर निर्यात करना शुरू कर देंगे।
आपको बता दें कि सरकार ने 7 अक्टूबर को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश में प्रत्येक को 10 लाख कोविशील्ड खुराक निर्यात करने की अनुमति दी थी, जबकि भारत बायोटेक मैत्री कार्यक्रम के तहत ईरान को कोवैक्सीन की 10 लाख खुराक प्रदान करेगा। इसी के साथ एसआईआई को यूनाइटेड किंगडम में एस्ट्राजेनेका को थोक कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति करने की भी अनुमति दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अभी, कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। एक बार जब हमारे पास पर्याप्त स्टॉक हो जाएगा, तो हम प्रतिबद्धताओं को देखते हुए प्राथमिकता के अनुसार टीके भेजना शुरू कर देंगे। आपको बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कोरोना ऑक्सीजन के साथ-साथ देश में कोरोना वैक्सीन की भी कमी आई गई थी, जिसके चलते सरकार ने वैक्सीन निर्यात पर रोक लगा दी थी।