एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, केरल हाईकोर्ट के इस फैसले पर लगाई रोक
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केरल हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसके तहत हाईकोर्ट ने कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का कंटेट न पोस्ट करने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केरल हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसके तहत हाईकोर्ट ने कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का कंटेट न पोस्ट करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल उच्च न्यायालय द्वारा 23 नवंबर, 2020 को उनके खिलाफ पारित एक आदेश के खिलाफ फातिमा द्वारा दायर अपील पर भी नोटिस जारी किया।
दरअसल, एक कुकरी शो में रेहाना फातिमा ने मांस को गो माता कहा था और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। उन्हें इस वीडियो में बार-बार गाय के मांस का जिक्र करते देखा गया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने रेहाना को किसी भी प्रकार का कॉन्टेंट सोशल मीडिया पर अपलोड न करने का आदेश दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोग लगा दी।
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केरल हाई कोर्ट ने अपने कहा था कि मांस को गोमाता कह कर पुकारना लाखों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है। न्यायमूर्ति सुनील थॉमस की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि फातिमा का यह कृत्य 2018 में उच्च न्यायालय द्वारा सबरीमाला के भगवान अयप्पा के बारे में उनके द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई अपमानजनक सामग्री से संबंधित मामले में उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत शर्त का उल्लंघन था। मालूम हो कि उस मामले में अदालत ने फातिमा को जमानत देते हुए निर्देश दिया था कि वह किसी वह सोशल मीडिया पर आगे से कोई ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगी जो किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को प्रभावित करती हो।
मालूम हो कि रेहाना का विवादों से पुराना नाता रहा है। पिछले दिनों उन्होंने नाबालिग बच्चों से अपने अर्धनग्न शरीर पर पेंटिंग करवाई और फिर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।