मैंगलोर यूनिवर्सिटी की एडवाइजरी के अगले दिन हिजाब पहनकर पहुंची छात्राएं, प्रिंसिपल ने नहीं दी एंट्री
बैंगलोर, मई 28। हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह साफ कर दिया था कि शिक्षण संस्थान में हिजाब बिल्कुल भी अनिवार्य नहीं है। हिजाब विवाद अभी फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन धड़ल्ले से कर्नाटक में हो रहा है। शनिवार को मैंगलोर यूनिवर्सिटी में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर यूनिवर्सिटी कैंपस में पहुंच गईं, लेकिन शिक्षकों ने उन छात्राओं को कैंपस में एंट्री नहीं दी। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
प्रिंसिपल ने छात्राओं को समझाया
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस घटना से एक दिन पहले यानि कि शुक्रवार को मैंगलोर यूनिवर्सिटी ने छात्राओं के लिए यह एडवाइजरी जारी की थी कि वो यूनिवर्सिटी कैंपस में हिजाब पहन कर नहीं आएं। इस सलाह के बाद अगले ही दिन छात्राएं हिजाब पहनकर यूनिवर्सिटी पहुंच गईं, लेकिन इन छात्राओं को कैंपस में नहीं घुसने दिया गया। इस घटना का जो वीडियो सामने आया है, उसमें कॉलेज की प्रिंसिपल अनुसूया राय छात्राओं को यूनिफॉर्म के बारे में समझाती हुई नजर आ रही हैं।
#Mangalore ; 12 students make an appeal to the principal of #Mangalore university to allow them inside the class wearing #Hijab. The principal denied the Permission. #Karnatakahijabrow pic.twitter.com/ZZ90gZdaLr
— Hate Watch Karnataka. (@Hatewatchkarnat) May 28, 2022
हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने पर बनी सहमति
रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी की कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल (सीडीसी) ने मैंगलोर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रिंसिपल और सिंडिकेट के सदस्यों के साथ बुलाई गई बैठक में यह आदेश दिया था कि कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को कैंपस में लागू किया जाए जो 15 मार्च को दिया गया था। उस आदेश में हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम में अनिवार्य नहीं बताया था। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कैंपस में हिजाब पर रोक लगा दी थी।
यूनिवर्सिटी प्रशासन की एडवाइजरी के अगले ही दिन छात्राओं का एक ग्रुप हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गया, लेकिन उन्हें वापस भेज दिया। यूनिवर्सिटी के वीसी के मुताबिक, अन्य कॉलेजों में उनके स्थानांतरण के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी जहां वर्दी अनिवार्य नहीं है और हिजाब की अनुमति है।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "सिंडिकेट की बैठक में विचार-विमर्श के माध्यम से इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है। कोर्ट ने हिजाब मुद्दे पर अपने आदेश दिए हैं और सभी को अदालत के आदेशों का पालन करना चाहिए।
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