भारत-चीन के बीच तनाव के 150 दिन बाद 12 अक्टूबर को होगी 7वें दौर की मिलिट्री वार्ता
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव को आज 150 दिन पूरे हो गए हैं। इस टकराव का अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है और सर्दियों का आगाज बस कुछ ही दिनों में होने वाला है। इन सबके बीच अब दोनों देशों के बीच 12 अक्टूबर को सांतवें दौर की कोर कमांडर वार्ता होगी। भारत और चीन के बीच पांच दौर की राजनयिक वार्ता भी हो चुकी है। छठें दौर की वार्ता 21 सितंबर को हुई थी और हर बार की ही तरह वह बेनतीजा खत्म हो गई थी।
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आखिरी बार नेतृत्व करेंगे ले. जनरल सिंह
भारत की सेना लद्दाख में सर्दियों के लिए तैयार है। भारत और चीन एक बार फिर 12 अक्टूबर को वार्ता की टेबल पर होंगे और यहां पर टकराव को खत्म करने के लिए किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश होगी। लेह स्थित 14 कोर यानी फायर एंड फ्यूरी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह आखिरी बार इस वार्ता का नेतृत्व करेंगे। वह अभी तक जून से लेकर सितंबर तक हुई सभी मीटिंग्स का नेतृत्व कर चुके हैं। लद्दाख में अब उनका एक साल का कार्यकाल 14 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। इसके बाद वह इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) का जिम्मा संभालेंगे। ले. जनरल हरिंदर सिंह के साथ उनके उत्तराधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी इस वार्ता में शामिल होंगे। वह 18 अक्टूबर को लेह की 14 कोर का जिम्मेदारी लेंगे। 21 सितंबर को हुई वार्ता में भी वह शामिल थे।
विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी रहेंगे मौजूद
छठें दौर की वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव ने भी हिस्सा लिया था। इस बार भी वह मीटिंग में होंगे। चीनी की तरफ से पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के मेजर जनरल ल्यू लिन जो साउथ शिनजियांग मिलिट्र रीजन के कमांडर हैं, वार्ता में शामिल हो रहे हैं। पिछली मीटिंग के बाद दोनों देशों की तरफ से एक साझा बयान जारी हुआ था। इस बयान में कहा गया था कि जल्द से जल्द उस अहम निष्कर्ष को लागू किया जाएगा जिस पर दोनों देशों के नेता पिछली कुछ मीटिंग्स में पहुंचे थे।