प्रधानमंत्री जी, बुंदेलखंड के इस किसान की दास्तां भी सुनिए
बिहारी दास बैंक से 10 हजार रुपए निकालने के लिए पिछले 4 दिन से रोज दस किलोमीटर पैदल चलकर बैंक आ रहे हैं।
नई दिल्ली। नोटबंदी के फैसले पर सड़क से संसद तक हंगामा मचा है। बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। सरकार दावे कर रही है कि लोगों की परेशानियों को कम किया जा रहा है, लेकिन यूपी का बुंदेलखंड इन दावों की पोल खोल रहा है।
65 वर्षीय किसान बिहारी दास की कहानी कुछ ऐसी है, कि सुनकर शायद आपकी भी आंखे भीग जाएं। बिहारी दास बैंक से 10 हजार रुपए निकालने के लिए पिछले 4 दिन से रोज दस किलोमीटर पैदल चलकर बैंक आ रहे हैं।
एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक महोबा के एक दूरदराज के गांव में रहने वाले बिहारी दास के गांव से बैंक करीब 10 किलोमीटर दूर है।
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वो रोज इस दूरी को पैदल चलकर तय करते हैं इस उम्मीद के साथ कि आज उन्हें बैंक से रुपए मिल जाएंगे।
वो रोज आकर बैंक की लाइन में लगते हैं ताकि 10 हजार रुपए मिलने के बाद अपनी फसल के लिए उर्वरक खरीद सकें लेकिन हर रोज उनका नंबर आने से पहले ही बैंक में कैश खत्म हो जाता है।
बिहारी दास थके और मायूस होकर वापस लौट जाते हैं और अगले दिन फिर इस उम्मीद के साथ बैंक आते हैं कि आज उन्हें रुपए मिल जाएंगे। 4 दिन से परेशान बिहारी दास का सब्र अब जवाब दे चुका है।
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चौथे दिन शुक्रवार को लाइन में लगे परेशान बिहारी दास ने कहा, 'मैं बहुत परेशान और हताश हूं। ये सब मुझसे सहन नहीं होता लेकिन फिर भी मुझे करना पड़ रहा है, क्योंकि मुझे अपनी फसल के लिए खाद खरीदनी है।'
कई सालों के बाद पहली बार छोटे-छोट खेतों वाले बुंदलेखंड में अच्छी बारिश हुई है। इससे पहले पूरा बुंदलेखंड सूखे से परेशान था। मानसून को देखकर ही बिहारी दास न बुआई का मन बनाया था।
इसी दौरान सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने का फैसला ले लिया। रुपयों के अभाव में किसान बीज और खाद के लिए परेशान हैं। कुछ किसान बुआई के लिए जुताई करके खेतों को तैयार कर चुके हैं और ज्यादा दिन का इंतजार उनके लिए भारी नुकसानदायक हो सकता है।
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शुक्रवार को 10 बजे बैंक के बाहर करीब 400 लोगों की लंबी लाइन थी, जिनमें बिहारी दास भी एक हैं। ये सभी लोग आस-पास के गांवों से आए हैं। कल ही सरकार ने घोषणा की थी किसान एक हफ्ते में 25 हजार रुपए तक निकाल सकते हैं।
बैंक के हैड कैशियर विक्रांत दूबे ने बताया कि वो रोज लगातार 13 घंटे काम कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि बैंक के बाहर खड़े सभी लोगों को रुपए मिल जाएं।
बैंक के दूसरे अधिकारियों ने बताया कि बैंक में दो दिन पहले 15 लाख रुपए के नए नोट आए थे जो कल खत्म हो गए।