आधे से ज्यादा लोगों ने दी एक साल में रिश्वत, एक सर्वे में हुआ भ्रष्टाचार का ये खुलासा
नई दिल्ली। एक ऑनलाइन मंच द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में लगभग 10 में से पांच लोगों ने सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए पिछले एक साल में रिश्वत दिया। आठ लोगों ने स्थानीय स्तर पर पुलिस, नगर निगम के अधिकारियों और संपत्ति पंजीकरण और वैट से संबंधित मामलों में रिश्वत दी थी। सर्वेक्षण आयोजित किए जाने वाले लोकल सर्कल ने दावा किया कि 200 शहरों के प्रतिभागियों के साथ आठ प्रश्नों के सेट में एक लाख लोगों को जवाब मिला। सर्वे भारतीय भ्रष्टाचार के मसले पर किया गया था। जब पूछा गया कि उन्होंन कितनी बार रिश्वत दी तो 25% ने कहा कि उन्होंने कई बार ऐसा किया और 20% ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल में एक या दो बार रिश्वत दी। सर्वेक्षण के मुताबिक 84% जवाब देने वालों ने रिश्वत देने वाले लोगों से कहा था कि उन्होंने स्थानीय सरकार या प्रशासन के साथ ऐसा किया है।
एक ओर 9% ने कहा कि उन्होंने भविष्य निधि, आयकर, सेवा कर, रेलवे और निविदाओं के लिए संबंधित कार्यों के लिए रिश्वत दी। एक तिहाई से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने रिश्वत का भुगतान करने का एकमात्र तरीका काम किया, जबकि लगभग 20% लोगों का मानना था कि सेवा में देरी का कोई नतीजा नहीं होगा। सर्वेक्षण में पाया गया कि आधे से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि राज्य या स्थानीय सरकारों ने पिछले वर्ष भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।
जवाब देने वालों ने स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार की जानकारी देना कठिन काम है और केवल 9% जवाब देने वालों ने कहा है कि उनके राज्य सरकार की हॉटलाइन है। लगभग 42% जवाब देने वालों ने महसूस किया कि भ्रष्टाचार को रोकने के कुछ उपाय किए गए थे, जो अप्रभावी साबित हुए।