Telangana Web3 टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग का केंद्र बना, अवसरों के दरवाजे खुले
Web 3.0 विनियामक Sandbox की आमद के साथ तेलंगाना में तकनीकी फर्मों के लिए उत्पादों और टेक्नोलॉजी आधारित समाधानों के परीक्षण के दरवाजे खुल गए हैं।
Telangana Web3 टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग के मामले में अग्रणी प्रदेश बन गया है। तेलंगाना सरकार ने हाल ही में वेब 3.0 रेगुलेटरी सैंडबॉक्स लॉन्च करने की घोषणा की। इसके साथ ही प्रदेश में सैंडबॉक्स में 'लाइव' वातावरण में प्रौद्योगिकी, उत्पादों, सेवाओं, समाधानों, व्यापार मॉडल और यहां तक कि नीतियों का परीक्षण करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय फर्म के साथ इनोवेशन करने वाले लोगों के लिए भी अवसरों के दरवाजे खुले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक Web3 तकनीक के कारण नियामकों को लाभकारी नवाचार के रास्ते में आने वाली बाधाओं की पहचान करने में मदद मिलेगी। इसके लिए साल में दो बार आवेदन होंगे।
वेब 3.0 क्या है?
सबसे पहले वेब तकनीक आई। इसके बाद, वेब 1.0 से वेब 2.0 और अब वेब 3.0 या Web3 का दौर है। इस यात्रा में 10 वर्ष से अधिक का समय लगा है। वेब 3.0 (वेब3) वेब प्रौद्योगिकी में तीसरी पीढ़ी है और इस तकनीक का लगातार विकास हो रहा है। वेब3 के लिए अभी तक कोई यूनिवर्सल परिभाषा नहीं है। वेब 3 में ब्लॉकचैन-आधारित प्रौद्योगिकी, मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर जोर दिया जाता है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और विकेंद्रीकृत (decentralised) एप्लिकेशन बनाने पर काम किया जाता है।
नियामक सैंडबॉक्स क्या है?
नियामक सैंडबॉक्स ऐसे नियंत्रित और परीक्षण के लिए अनुकूल वातावरण को कहते हैं जहां नए उत्पादों या सेवाओं का लाइव परीक्षण होता है। विनियामक परीक्षण के सीमित उद्देश्य के लिए कुछ छूट दे सकते हैं। यह नियामक, नवोन्मेषकों और सेवा/उत्पाद प्रदाताओं को लाभ और जोखिम पर साक्ष्य जमा करने की अनुमति देता है। इसकी निगरानी की जाती है और जोखिमों को नियंत्रित किया जाता है। बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में इस चैनल का भरपूर उपयोग हो रहा है।
Web3 कैसे मदद करता है ?
सिंगापुर की इनोवेशन मैनेजमेंट फर्म लुमोस लैब्स टेक्नोलॉजी ओपन इनोवेशन प्रोग्राम चलाती है। इसके संस्थापक काव्या प्रसाद ने बताया कि तेलंगाना सरकार की तरफ से की गई पहल- वेब 3.0 नियामक सैंडबॉक्स बड़ा स्टेप है। काव्या प्रसाद पहले तेलंगाना सरकार के साथ काम कर चुके हैं। नई पहल के बारे में उन्होंने कहा, हाल ही में भारत ब्लॉकचैन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। हम तेलंगाना में वेब 3.0 विकास और इसे बढ़ावा देने के साथ-साथ नए सॉल्यूशन और स्टार्टअप का समर्थन करने की दिशा में होने वाली प्रगति देख चुके हैं।
बकौल काव्या प्रसाद, सैंडबॉक्स के माध्यम से, स्टार्टअप अपनी समस्याओं के समाधान एक सुरक्षित स्थान पर प्रस्तुत कर सकेंगे। उन्हें सही नियामक समर्थन और मार्गदर्शन मिलेगा, जो भारतीय और वैश्विक वेब3 उद्योग को बड़ा समर्थन होगा। मौजूदा विनियामक और वातावरण अस्पष्ट हैं। ऐसे में Telangana Web3 की दिशा में दो पहल कर रहा है, इससे अग्रणी विकेन्द्रीकृत (decentralised) समाधानों को प्रोत्साहन मिल सकता है।