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मंत्री बनने के ऑफर को धूमल ने क्यों ठुकराया, नड्डा को झटका!

By Rajeevkumar Singh
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शिमला। इसे पुत्र मोह मानें या राजनैतिक महात्वाकांक्षा, प्रेम कुमार धूमल ने पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के ऑफर के बावजूद मोदी सरकार में शामिल होने के लिये आखिरी समय में मना कर दिया है। धूमल के इस कदम से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की राजनैतिक महत्वाकांक्षायें फिलहाल धरी की धरी रह गई हैं।

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पार्टी की रणनीति हुई फेल?

पार्टी की रणनीति हुई फेल?

बहरहाल बताया जा रहा है कि धूमल ने अपनी सेहत का हवाला देकर केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने में रुचि नहीं दिखाई जिससे ऐन वक्त पर धूमल के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावनाओं पर विराम लग गया है। इससे अब प्रदेश की राजनीति में भी नये समीकरण उभरेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी नेतृत्व अपनी रणनीति के तहत ही धूमल को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना बनाई थी। इसके लिये बाकायदा धूमल को भी सूचित कर दिया गया था। पहले तो धूमल ने पार्टी के फैसले पर सहमति भी जता दी थी लेकिन बाद में वित्त मंत्री अरुण जेतली के माध्यम से अपनी सेहत का हवाला देकर संदेश भिजवा दिया कि वह इसके लिये तैयार नहीं हैं। इससे उनके मोदी सरकार में शामिल होने के कयासों पर विराम लग गया।

बेटे अनुराग ठाकुर को मंत्री बनाए जाने की पैरवी

बेटे अनुराग ठाकुर को मंत्री बनाए जाने की पैरवी

बताया जा रहा है कि धूमल ने अपनी जगह अपने बेटे अनुराग ठाकुर की पैरवी की लेकिन इसके लिये पार्टी तैयार नहीं थी। दरअसल धूमल की इसके पीछे राजनैतिक महात्वाकांक्षा है। आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुये धूमल प्रदेश को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। हलांकि उम्र के फॉर्मूले के तहत पार्टी उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने को तैयार नहीं है।

नड्डा का रास्ता साफ नहीं हो सका

नड्डा का रास्ता साफ नहीं हो सका

पार्टी सूत्र बताते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिये पार्टी हिमाचल में स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को हिमाचल में भेजने की योजना बना रही है। इसके तहत ही धूमल को दिल्ली लाने की तैयारी शुरू की गई ताकि आने वाले चुनावों में पार्टी को गुटबाजी से दूर किया जा सके। धूमल को खाली हो रही शिमला राज्यसभा सीट से चुना जाना था लेकिन अब पार्टी को इस मामले में नये सिरे से सोचना होगा।

धूमल की राजनीतिक महत्वाकांक्षा

धूमल की राजनीतिक महत्वाकांक्षा

दरअसल धूमल चाह रहे हैं कि पार्टी उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करे। इसके लिये वह टिकट आवंटन में भी अपने लोगों को फिट करने की मंशा पाले हैं। इसी वजह से धूमल ने पार्टी की ऑफर को खराब सेहत का बहाना बनाकर ठुकरा दिया लेकिन जिस तरीके से पार्टी ने उनके बेटे अनुराग ठाकुर को भी कोई तवज्जो नहीं दी, उससे साफ हो गया है कि अब वो नहीं होगा , जो नेता चाह रहे हैं।

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English summary
PK Dhumal rejected the offer to be minister in Modi govt.
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