कोटखाई कांड: जांच में पुलिस की सामने आई करतूत, लोगों ने बोला हल्ला
भारी पुलिस बंदोबस्त के बावजूद आंदोलनकारी पुलिस मुख्यालय पहुंचे और पुलिस के रवैए के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। एक ओर सीएम के पुतले जलाए गए तो डीजीपी सोमेश गोयल का भी घेराव किया गया।
शिमला। कोटखाई गैंगरेप मर्डर केस के आरोपी सूरज की हवालात में मौत के मामले में हिमाचल पुलिस के आईजी समेत आठ पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के बाद शिमला में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। बड़ी तादाद में लोगों ने बुधवार को धरना प्रदर्शन किया। एक ओर सीएम के पुतले जलाए गए तो डीजीपी सोमेश गोयल का भी घेराव किया गया।
बुधवार को पुलिस और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू हुआ जो आगे भी जारी रह सकता है। हालांकि सरकार को शुरुआत में ही ऐसा होने का अंदेशा था और पुलिस को अलर्ट पर रखा गया था। भारी पुलिस बंदोबस्त के बावजूद आंदोलनकारी पुलिस मुख्यालय पहुंचे और पुलिस के रवैए के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व विधायक राकेश सिंघा, माकपा नेता डॉ. कुलदीप सिंह तनवर के नेतृत्व में बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी पुलिस मुख्यालय में पहुंचे तो कुछ देर के लिए महौल तनावपूर्ण भी बना रहा।
इस बीच शिमला में कई जगहों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। खासकर, प्रदेश सचिवालय के इर्द-गिर्द दोनों गेटों पर पुलिस बलों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा, पुलिस मुख्यालय में बैठकों का दौर जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि पुलिस वालों की गिरफ्तारी के बाद लोगों का गुस्सा भड़क सकता है। क्योंकि पुलिस की कार्यप्रणाली पहले ही सवालों के घेरे में है। इसी के चलते पहले भी, शिमला समेत तमाम जगहों पर धरने-प्रदर्शन हुए थे। यहां तक कि कोटखाई में लोगों ने प्रदर्शन के दौरान थाना और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी थी।
इससे पहले शिमला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का पुतला जलाया। इस दौरान छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस मामले में सरकार की मिलीभगत थी। उन्होंने कहा कि वो सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी का स्वागत करते हैं। वहीं गुड़िया न्याय मंच ने इस मामले में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी का स्वागत किया है और इसे जनता की जीत करार दिया है। मंच के सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि इस मामले पर पुलिस की भूमिका पहले दिन से ही संदेहास्पद थी और उनकी मिलीभगत सामने आ रही थी। पुलिस किस कदर जंगलराज फैला सकती है ये सूरज की लॉकअप में हत्या से साबित हो गया था।
मंच को ये बात स्पष्ट थी कि पुलिस दोषियों को बचाने में लगी थी। वो नई-नई झूठी कहानियां बना रही थी। मंच ने कहा कि इस लड़ाई को शुरू से लड़ा है और ये लड़ाई अब भी जारी है। इस बात से ये भी साफ है कि जब पुलिस ही भक्षक बन गई थी और ये सब पुलिस महानिदेशक की अगुवाई में हो रहा था तो प्रदेश सरकार उन्हें क्यों नहीं हटाती है। विजेंद्र मेहरा ने मांग की है कि डीजीपी हिमाचल प्रदेश को तुरंत बर्खास्त किया जाए।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सीबीआई ने पुलिस की पूर्व एसआईटी के प्रमुख आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज कुमार सहित 8 अफसरों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, कोटखाई थाने के एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद, हैड कॉन्सटेबल मोहन लाल, कॉन्सटेबल रंजीत, हैड कॉन्सटेबल रफीक अली और हैड कॉन्सटेबल सूरत सिंह भी शामिल हैं।