Himachal Pradesh Election: हिमाचल में जीत के बाद कांग्रेस के सामने दो बड़े प्रश्न, पार्टी को सता रहा है ये डर
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को जीत के बाद भी हॉर्स ट्रेडिंग का डर सता रहा है। भूपेश बघेल ने कहा कि हमे अपने विधायकों को बचाकर रखने की जरूरत है।
Himachal Assembly Elections: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद दो बड़े सवाल खड़े हैं, प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा और इस जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा। दरअसल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ा था। ऐसे में कांग्रेस की जीत के बाद कई नेताओं के नाम इस रेस में आगे चल रहा है। इस रेस में सबसे आगे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का नाम चल रहा है। हालांकि इसको लेकर अंतिम फैसला विधायक दल की बैठक के बाद ही होगा, जिसमे यह स्पष्ट होगा कि हिमाचल की कमान अब किसके हाथ होगी।
जीत का अंतर एक फीसदी से भी कम
अहम बात यह है कि हिमाचल प्रदेश में मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं ने ही चुनाव प्रचार किया। स्थानीय नेताओं को वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का साथ जरूर मिला। पार्टी ने यहां पर बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ा है लिहाजा अभी यह तस्वीर साफ नहीं है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हिमाचल प्रदेश चुनाव नतीजों की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस के बीच जीत का अंतर एक फीसदी से भी कम का रहा है।
हॉर्स ट्रेडिंग का सता रहा डर
हिमाचल प्रदेश में यूं तो कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है। लेकिन पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी एक बड़ा डर यह सता रहा है कहीं भाजपा कांग्रेस के भीतर तोड़फोड़ ना हो। इस बात को उस वक्त हवा मिली जब हिमाचल के प्रभारी भूपेश बघेल ने इसको लेकर बयान दिया। भूपेश बघेल ने कांग्रेस की जीत के बाद कहा था कि हमे अपने साथियों को संभालकर रखना होगा क्योंकि भाजपा किसी भी स्तर तक जा सकती है। भूपेश बघेल के इस बयान के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई।
जल्द सामने आएगा सीएम फेस
भूपेश बघेल के बयान के बाद कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कांग्रेस के भीतर हॉर्स ट्रेडिंग की कोई चिंता नहीं है, लेकिन मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि अगर आप इस तरह की कोई हरकत करते हैं तो आप अपनी विश्वसनीयता को प्रदेश के लोगों के बीच खो देंगे। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि कोई डर नहीं है, कहीं तो हमे बैठकर बात करनी है। इसके लिए हम शिमला, चंडीगढ़ कहीं भी बैठकर बात कर सकते हैं। लोगों ने हमे अपना मत दिया है। बहरहाल देखने वाली बात यह है कि क्या कांग्रेस बिना किसी अनहोनी के प्रदेश में सरकार का गठन करती है या फिर पिक्चर अभी बाकी है।