पार्टी नेताओं पर बरसे राहुल गांधी, हिमाचल में कांग्रेस को कांग्रेसियों ने हराया
शिमला। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का शिमला दौरा खासा चर्चा में रहा। एक ओर कांग्रेस दफ्तर के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलने पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ कांग्रेसियों का गुस्सा फूटा, तो दूसरी ओर कांग्रेस विधायिका आशा कुमारी के साथ महिला पुलिस कांस्टेबल से हाथापाई भी चर्चा में रही। वहीं खुद राहुल गांधी भी हिमाचल कांग्रेस से खासे नाराज दिखे। उन्होंने स्थानीय नेताओं को खूब खरी-खोटी सुनाई।
गुटबाजी से पार्टी को हुआ नुकसान
कांग्रेस के दफ्तर राजीव भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कांग्रेसियों व हारे प्रत्याशियों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हिमाचल में पार्टी एकजुट होकर चुनाव नहीं लड़ी है। यही वजह रही कि परिणाम अच्छा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हिमाचल में कांग्रेस के लोगों ने ही हराया है। अगर सब एकजुट होकर लड़ते तो चुनाव हर हाल में जीतते। गुटबाजी से पार्टी को नुकसान हुआ है।
'पार्टी विरोध बख्शे नहीं जाएंगे'
उन्होंने दो टूक कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राहुल ने बैठक में कहा कि पार्टी की खिलाफत करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। चाहे वे मंत्री रहे हों या कोई और। उन्होंने कहा कि जो जनता में रहेंगे, वे ही पार्टी के नेता हैं और कोई बड़ा नेता नहीं है। कई जगह कुछ नेताओं ने खुद को बड़ा नेता बताया, लेकिन वे चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि बड़ा नेता कोई नहीं है। सब बराबर हैं और जो काम करेगा, वह आगे आएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के 21 विधायक चुनाव जीत कर आये हैं व कांग्रेस के कई प्रत्याशी बहुत कम अंतर से हारे हैं। उससे स्पष्ट है कि हिमाचल में मोदी लहर नहीं थी।
एकजुटता का आह्वान
उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि पार्टी के काम में सभी लोग जुट जाएं। राज्य में सत्तासीन हुई भाजपा और केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर लोगों के बीच जाएं। उन्होंने कहा कि हर कार्यकर्ता को अभी से 2019 के लिये अपने-आपको तैयार करना चाहिये। इस मौके पर राहुल गांधी के साथ सुशल कुमार शिंदे व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद रहे।
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