किसानों को फलों के बाग लगाने के लिए हरियाणा सरकार दे रही है 50% से अधिक सब्सिडी, जानिए स्कीम
चंडीगढ़, 10 जुलाई: हरियाणा सरकार ने किसानों को फलों की खेती की ओर प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार का खजाना खोल दिया है। क्योंकि, खरीफ सीजन में धान, मक्का और बाजरे की परंपरागत खेती के मुकाबले फलों की खेती में पानी की कम आवश्यकता होती है। भू-जल के घटते स्तर के मद्देनजर हरियाणा सरकार किसानों को बागवानी की ओर प्रेरित करने की कोशिश कर रही है, जिसमें काफी ज्यादा आमदनी की गुंजाइश भी है। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार फलों के बाग लगाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत से भी ज्यादा सब्सिडी दे रही है। हरियाणा के किसानों के पास इस समय इस स्कीम का लाभ उठाने का अच्छा मौका है।

फलों
की
खेती
के
लिए
50%
से
भी
ज्यादा
सब्सिडी
हरियाणा
सरकार
ने
खरीफ
के
मौसम
से
ही
फलों
के
बाग
लगाने
के
इच्छुक
किसानों
से
आवेदन
मंगवाए
हैं।
इस
स्कीम
के
तहत
हरियाणा
सरकार
किसानों
को
राज्य
में
अनार,
आंवला,
अमरूद,
आम,
नींबू
और
उसी
वर्ग
के
दूसरे
फल,
अंगूर,
बेर,
लीची,
नाशपाती,
पपीते
और
ड्रैगन
फ्रूट
जैसे
फलों
की
खेती
की
ओर
ध्यान
देने
को
कह
रही
है।
इसके
लिए
राज्य
सरकार
सब्सिडी
देगी,
जो
तीन
वर्षों
में
उपलब्ध
करवाई
जाएगी।
इन
फलों
की
खेती
से
किसानों
को
परंपरागत
फसलों
की
खेती
से
कहीं
ज्यादा
आमदनी
होने
की
संभावना
है।

तीन
किस्तों
में
मिलेगी
सब्सिडी
बाग
लगाने
के
लिए
फलों
को
मुख्य
रूप
से
दो
श्रेणियों
में
रखा
गया
है।
एक
में
लीची,
आंवला,
आडू,
बेर
और
नाशपाती
जैसे
फल
शामिल
किए
गए
हैं।
जिनके
पौधों
के
बीच
एक
निर्धारित
दूरी
रखी
जाती
है।
इस
श्रेणी
के
फलों
के
पौधों
को
सामान्य
दूरी
में
पंक्तिबद्ध
तरीके
से
लगाना
है।
किसानों
को
इन
पौधौं
की
संख्या
प्रति
एकड़
95
रखनी
होगी।
इस
तरह
के
बागों
पर
अधिकतम
65
हजार
रुपये
लागत
आने
का
अनुमान
है।
इसमें
से
किसानों
को
सरकार
की
ओर
से
32,500
रुपये
बतौर
सब्सिडी
दी
जाएगी।
यह
सब्सिडी
तीन
वर्षों
में
क्रमश:
19,500
रुपये,
6,500
रुपये
और
6,500
रुपये
उपलब्ध
करवाई
जाएगी।

अलग-अलग
फसलों
के
लिए
अलग
होगी
रकम
दूसरी
श्रेणी
में
सघन
पौधों
वाले
फलों
की
खेती
के
लिए
सब्सिडी
मिलेगी।
ये
हैं-
आम,
नींबू
वर्ग
के
पौधे,
अनार,
अमरूद,
आडू,
अंगूर,
पपीता,
नाशपाती
और
ड्रैगन
फ्रूट।
इन
फलों
के
पौधे
प्रति
एकड़
में
111
या
उससे
भी
ज्यादा
लगाए
जा
सकते
हैं।
एक
एकड़
में
इस
तरह
के
बाग
विकसित
करने
पर
अनुमानित
1
लाख
रुपये
तक
की
लागत
आती
है।
यानी
सरकार
50,000
रुपये
की
सब्सिडी
देगी।
यह
सब्सिडी
भी
तीन
वर्षों
में
क्रमश:
30,000
रुपये,
और
10-10
हजार
रुपये
मिलेगी।
खजूर
की
खेती
के
लिए
सब्सिडी
हरियाणा
बागवानी
विभाग
टिशू
कल्चर
के
लिए
भी
सब्सिडी
दे
रही
है,
जो
70%
तक
है।
इसमें
खजूर
की
खेती
के
लिए
भी
सब्सिडी
दी
जा
रही
है।
इसपर
प्रति
एकड़
2
लाख
रुपये
लागत
का
अनुमान
है,
जिसमें
1,40,000
रुपये
सरकार
देगी
और
बाकी
किसानों
को
अपने
से
लगाना
होगा।
सब्सिडी
की
यह
रकम
भी
तीन
वर्षों
में
मिलेगी।
पहले
साल
84,000
रुपये,
दूसरे
साल
28,000
रुपये
और
तीसरे
साल
भी
28,000
रुपये।
(पहली
दोनों
तस्वीरें-
सांकेतिक)