कांग्रेस के डर से बीजेपी ने अपने पार्षदों को ग्वालियर से किया दिल्ली रवाना
बीजेपी ने अपने सभी जीते हुए 34 पार्षद को बस के द्वारा दिल्ली रवाना कर दिया है, अब सभी पार्षद 5 अगस्त को दिल्ली से लौटकर ग्वालियर आएंगे
ग्वालियर, 2 अगस्त। ग्वालियर में बीजेपी को अब कांग्रेस का डर सताने लगा है। यही कारण है कि बीजेपी ने इसी डर की वजह से ग्वालियर नगर निगम में जीतने वाले अपने सभी 34 पार्षदों को मंगलवार की सुबह बस में बैठाकर दिल्ली के लिए रवाना कर दिया है। यह पूरी कवायद इसलिए की जा रही है कि बीजेपी को डर है कि कहीं कांग्रेस पार्टी बीजेपी के पार्षदों को तोड़कर नगर निगम में अपना सभापति ना बना ले।
मंगलवार
की
सुबह
बीजेपी
के
34
पार्षद
हुए
दिल्ली
रवाना
मंगलवार
की
सुबह
सवेरे
बीजेपी
के
34
पार्षदों
को
बस
में
बिठा
कर
दिल्ली
के
लिए
रवाना
कर
दिया
गया
है।
पुरुष
पार्षद
के
अलावा
जो
महिला
पार्षद
मौजूद
हैं
उन
महिला
पार्षद
के
पतियों
को
भी
दिल्ली
के
लिए
बस
में
बैठाकर
रवाना
कर
दिया
गया
है।
खुद
बीजेपी
के
जिला
अध्यक्ष
कमल
माखीजानी
में
सभी
पार्षदों
को
लेकर
दिल्ली
कूच
किया
है।
वरिष्ठ
नेताओं
के
साथ
बैठक
की
कही
बात
बीजेपी
के
जिलाध्यक्ष
कमल
माखीजानी
का
कहना
है
कि
वह
सभी
पार्षदों
को
इसलिए
दिल्ली
ले
जा
रहे
हैं
जिससे
वरिष्ठ
नेताओं
के
साथ
उनकी
बैठक
हो
सके,
लेकिन
इस
बारे
में
पार्षदों
का
कहना
है
कि
अचानक
से
उन्हें
बुला
लिया
गया
है
और
अब
शायद
दिल्ली
ले
जाया
जा
रहा
है।
कुल
मिलाकर
पार्षदों
को
भी
नहीं
मालूम
कि
बीजेपी
उन्हें
कहां
और
क्यों
लेकर
जा
रही
है।
कांग्रेस
विधायक
ने
इसे
बताया
पार्टी
का
अंदरूनी
मामला
इस
बारे
में
कांग्रेस
विधायक
सतीश
सिंह
सिकरवार
का
कहना
है
कि
ऐसा
पहली
बार
हो
रहा
है
जब
बीजेपी
के
पार्षदों
को
इस
तरह
बस
से
दिल्ली
ले
जाया
जा
रहा
है।
उन्होंने
बताया
कि
बीजेपी
अपने
ही
चुने
हुए
पार्षदों
पर
विश्वास
नहीं
कर
पा
रही
है।
बीजेपी
इस
वक्त
खौफजदा
है।
हालांकि
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
उनकी
पार्टी
का
अंदरूनी
मामला
है।
सभापति
के
चुनाव
को
लेकर
हो
रही
है
जोड़
तोड़
दरअसल
यह
पूरी
जोड़-तोड़
की
राजनीति
सभापति
के
चुनाव
को
लेकर
हो
रही
है
।ग्वालियर
नगर
निगम
में
5
अगस्त
को
सभापति
का
चुनाव
होना
है,
ऐसे
में
बीजेपी
को
डर
है
कि
कहीं
उसके
पार्षदों
को
तोड़कर
कांग्रेस
अपना
सभापति
ना
बना
ले।
ग्वालियर
नगर
निगम
में
बीजेपी
के
34
प्रत्याशी
जीत
का
पार्षद
बने
हैं
जबकि
कांग्रेस
के
25
प्रत्याशी
जीत
का
पार्षद
बने
है।
इसके
अलावा
कांग्रेस
ने
निर्दलीय
प्रत्याशियों
को
भी
कांग्रेस
में
शामिल
करने
का
सिलसिला
चला
रखा
है।