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ग्वालियर-चम्बल में जोड़-तोड़ की राजनीति में बीजेपी आगे लेकिन प्रत्यक्ष चुनाव में मात खा रही बीजेपी

नगरीय निकाय चुनाव में जनता से प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए चुनाव में कांग्रेस को दिया आशार्वाद, बीजेपी के लिए ये नहीं हैं शुभ संकेत

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ग्वालियर, 30 जुलाई। ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी भले ही जोड़-तोड़ की राजनीति में आगे निकल गई हो लेकिन प्रत्यक्ष रूप से हो रहे चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दिनों हुए घटनाक्रम से तो यही साबित हो रहा है जहां प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए मुरैना और ग्वालियर के नगर निगम की महापौर सीट पर कांग्रेस काबिज हो गई लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल के जनपद, नगर परिषद और जिला पंचायत के अध्यक्ष में जोड़-तोड़ की राजनीति करके बीजेपी ने कब्जा कर लिया।

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प्रत्यक्ष रुप से जनता ने चुना ग्वालियर और मुरैना नगर निगम का महापौर
ग्वालियर नगर निगम और मुरैना नगर निगम के महापौर पद के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए। मतलब जनता ने सीधे अपना वोट देकर नगर निगम के महापौर को चुना। जब जनता ने सीधे वोट किया तो जनता ने इसके लिए कांग्रेस को अपना आशीर्वाद दिया और दोनों ही नगर निगमों में जनता ने कांग्रेस के महापौर को जीत दिलाई।

लहार में तो बीजेपी को कहीं भी नहीं मिली जगह
लहार में तो बीजेपी को कहीं भी जगह नहीं मिली। चुनाव चाहे अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ हो या प्रत्यक्ष प्रणाली से, लहार में बीजेपी को एक भी सीट नसीब नहीं हो सकी। लहार की नगर पालिका में तो सभी कांग्रेस के प्रत्याशी ही जीत कर आए और दो निर्दलीय ने भी अपनी जीत दर्ज कराई इसके बाद रौन और लहार के जनपद अध्यक्ष भी कांग्रेस के ही चुने गए।

कांग्रेस के लिए जनता में बढ़ रहा है रुझान
प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए चुनावों से एक बात तो साफ होती जा रही है कि जनता कहीं ना कहीं अब कांग्रेस पर विश्वास दिखाने लगी है, यही वजह है कि भिंड और मुरैना की नगर निगम में कांग्रेस के प्रत्याशी जीत कर महापौर बन गए। जनता ने पहली बार कांग्रेस में विश्वास नहीं दिखाया है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी जनता ने कांग्रेस को ग्वालियर चंबल संभाग से 32 सीट जिताई थी, हालांकि बीजेपी ने जोड़-तोड़ करते हुए सरकार गिरा दी और अपनी पार्टी की सरकार बना ली थी।

जोड़-तोड़ की राजनीति से जिला पंचायत और जनपद अध्यक्ष की सीट पर आई बीजेपी
मुरैना और ग्वालियर के नगर निगम की महापौर सीट हाथ से निकल जाने के बाद बीजेपी ने जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू कर दी। बीजेपी ने नगर परिषद अध्यक्ष लेकर जनपद पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए जमकर जोड़-तोड़ की राजनीति अपनाई और बीजेपी का परचम लहरा दिया।

आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा असर
प्रत्यक्ष रूप से जनता कांग्रेस में विश्वास दिखा रही है तो वहीं जोड़-तोड़ की राजनीति से बीजेपी आगे बढ़ती जा रही है, लेकिन इन सबके बीच जनता सब कुछ समझ रही है और इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। विधानसभा चुनाव में वोट सीधा जनता करेगी और अपने अपने जनप्रतिनिधियों को चुनेगी। इसके बाद यह तस्वीर साफ हो जाएगी यह जनता कांग्रेस में विश्वास दिखाती है या बीजेपी को आगे लाती है।

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English summary
bjp got defeat in the election of president directly elected by the public in the urban body elections
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