भोपाल में मक्खियों पर रिसर्च करने वाली साइंटिस्ट को हुआ घाव, सर्जरी कराते वक्त कोमा में चली गई
वडोदरा। गुजरात की एक साइंटिस्ट युवती डॉक्टरों की लापरवाही के कारण कोमा में चली गई। कमर के पास हुए एक घाव की सर्जरी के लिए वह वारसिया में स्थित निसर्ग हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी, जहां ऑपरेशन के बाद उसकी जान जोखिम में आ गई। उसके कोमा में चले जाने पर परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा कर दिया। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें बेटी की ये हालत कर देने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
युवती को परिजन फिर रिंग रोड स्थित हार्ट इंस्टीट्यूट में ले गए। मगर, वहां भी उसे होश नहीं आ सका। शहर के आजवा रोड पर सी-19, साहस पार्क सोसायटी में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि, हमारे पड़ोसी प्रदीप सिंह राव, जो कि एम आर हैं। उनकी बेटी आकांक्षा भोपाल में मक्खियों पर रिसर्च कर रही थी। कोरोना लॉकडाउन के चलते वह वडोदरा आई थी। घर पर उसे बेक साइड में घाव हो गया था। जिसके चलते पापा ने आकांक्षा को वारसिया रिंग रोड स्थित आर्थोंपेडिक निसर्ग हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां डॉ. श्वेता शाह ने उसकी प्राथमिक जांच की और डॉक्टर बोले कि, घाव में मवाद पड़ गया है, लिहाजा आॅपरेशन करना होगा।
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इस पर आकांक्षा के पापा ने सर्जरी की अनुमति दे दी। डॉक्टर्स ने कहा कि आकांक्षा को बिना बेहोश किए सर्जरी संभव नहीं है। एनेस्थिसिया देते ही आकांक्षा की धड़कनें बढ़ गईं। उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। जिसके चलते उसे वहां से पास के ही बेंकर्स हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। जहां वह कुछ देर बाद कोमा में चली गई।