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राजकोट कोविड हॉस्पिटल अग्निकांड की खबर के स्टिंग को लेकर गुजरात में 4 पत्रकारों पर केस

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राजकोट, कुलीन पारेख। गुजरात में राजकोट स्थित कोविड हॉस्पिटल अग्निकांड में पिछले दिनों 6 लोगों की जान चली गई थी। एक गुजराती अखबार ने इसे लेकर खबर की थी, जिसमें बताया गया था कि हॉस्पिटल में आग लगने के बाद गिरफ्तार किए गए तीन डॉक्टर्स को वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई गईं। इतना ही नहीं, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण दर्शाने के लिए थाने का स्टिंग ऑपरेशन कर उसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया था। यह वीडियो वायरल होने पर अब पुलिस ने अखबार के चार पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस की इस तरह की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।

राजकोट कोविड हॉस्पिटल अग्निकांड का मामला

राजकोट कोविड हॉस्पिटल अग्निकांड का मामला

संवाददाता ने बताया कि, कोविड हॉस्पिटल के आईसीयू में 26 नवंबर को आग लगी थी। इसी मामले में जब डॉक्टर पकड़े गए थे, तो उन्हें दी गईं सुविधाओं की खबर को लेकर उक्त चारों पत्रकारों ने राजकोट तालुका व मालवीया पुलिस थाने में स्टिंग ऑपरेशन किया था। पत्रकारों ने रिपोर्ट प्रकाशित कर दावा किया था कि हॉस्पिटल में आग लगने के संबंध में गिरफ्तार किए गए 3 डॉक्टर्स को पुलिस द्वारा वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई गईं है।

इन चार पत्रकारों पर केस

इन चार पत्रकारों पर केस

इस संबंध में हेड कॉन्स्टेबल जिग्नेश गढ़वी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजकोट में पत्रकार- महेंद्र सिंह जडेजा, प्रतिपाल सिंह गोहिल, प्रकाश रावरानी और इमरान होथी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि उक्त पत्रकारों ने पुलिस बल को बदनाम करने का प्रयास किया और मामले में जांच को प्रभावित किया। हालांकि, अखबार के प्रदेश संपादक देवेंद्र भटनागर ने कहा कि ‘पत्रकार अपने धर्म का पालन कर रहे थे। अगर सरकार या पुलिस उन आरोपियों को बचा रही है, उन्हें सुविधा दे रही है और हम उन्हें बेनकाब कर रहे हैं तो हम केवल पत्रकारिता के धर्म का पालन कर रहे हैं।'

संपादक ने कहा- वो अपना कर्तव्य निभा रहे थे

संपादक ने कहा- वो अपना कर्तव्य निभा रहे थे

संपादक ने कहा कि, (पुलिस) एफआईआर में बताया गया है कि पत्रकारों ने उनके काम, उनके गुप्त काम में बाधा डाली। कब से पुलिस स्टेशन एक गुप्त स्थान बन गया? हमारी कानूनी टीम इस पर गौर कर रही है और हम कानूनी तरीके से जवाब देंगे। महेंद्र सिंह जडेजा अखबार के क्राइम रिपोर्टर हैं। जबकि प्रतिपाल सिंह गोहिल सिटी रिपोर्टिंग के हेड और प्रकाश रावरानी फोटोग्राफर हैं। तो इमरान होथी इंवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट् पर काम करते हैं।

ऐसी एफआईआर दर्ज की गईं
चारों के खिलाफ आईपीसी धारा 186 (लोकसेवक के कार्यों में बाधा डालना), 114 (अपराध किए जाते समय उकसाने वाले की मौजूदगी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 72 ए (कानूनन अनुबंध के उल्लंघन में सूचना के प्रकटीकरण के लिए सजा), 84बी (अपराध के लिए उकसाना), 84सी (अपराध करने का प्रयास) व अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि पत्रकार बिना अनुमति के पुलिस स्टेशन के पहले तल पर जांच कर्मचारियों के कमरे में घुस गए और दो कॉन्स्टेबल से पूछने लगे कि वे क्या कर रहे हैं। हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि आरोपी कहां हैं और उनके क्या बयान दर्ज किए गए।

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English summary
rajkot covid hospital fire incident: city police FIR on four journalists for sting operation
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