Mukhyamantri Amrutam Yojana: गरीबों के लिए वरदान, 5 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त
मुख्यमंत्री अमृतम (मां) योजना गुजरात के गरीब और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले उन परिवारों के लिए है, जो महंगी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं। धन के अभाव में ऐसे लोगों के लिए महंगे और मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों में इलाज करवाना संभव नहीं था। लेकिन, इस योजना ने गरीबों और आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों का स्वास्थ्य के क्षेत्र में जीवन बदल दिया है। मुख्यमंत्री अमृतम (मां) योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का इंतजाम किया जाता है। गुजरात सरकार की इस योजना ने अनकों गरीबों और कम आय वाले परिवारों को गंभीर से गंभीर बीमारी में मुफ्त इलाज संभव किया है। इस योजना से कितने ही गरीब मरीजों को लाभ मिला है और उनका परिवार महंगे इलाज की वजह से होने वाली आर्थिक बदहाली से बच पाया है। गुजरात सरकार की इस लोकप्रिय और कल्याणकारी योजना को 'मां कार्ड' योजना के नाम से भी जाना जाता है।
5
लाख
रुपए
तक
का
स्वास्थ्य
कवर
मुफ्त
उपलब्ध
मुख्यमंत्री
अमृतम
योजना
के
माध्यम
से
गुजरात
सरकार
आर्थिक
रूप
से
कमजोर
परिवार
के
मरीजों
को
ईएम
पैनल
नेटवर्क
के
अस्पतालों
में
गुणवत्तापूर्ण
स्वास्थ्य
और
शल्य
चिकित्सा
उपलब्ध
करवाती
है।
इसमें
ऐसी
गंभीर
बीमारी
शामिल
हैं-
जिसमें
अस्पतालों
में
भर्ती
करवाने
की
आवश्यकता
है
या
सर्जरी
और
तमाम
तरह
की
थेरेपी
की
जरूरत
है।
राज्य
में
ज्यादातर
बड़े
अस्पताल
इसी
मां
कार्ड
के
जरिए
गंभीर
बीमारियों
से
पीड़ित
रोगियों
का
इलाज
करते
हैं।
इसके
लिए
मरीजों
को
एक
रुपया
भी
नहीं
देना
होता
है।
कोविड-19
के
दौरान
और
बाद
में
भी
काफी
लोगों
को
इसका
लाभ
मिला
है।
4
लाख
रुपए
या
उससे
कम
की
वार्षिक
आय
वाले
परिवारों
और
वरिष्ठ
नागरिकों
के
मामले
में
6
लाख
रुपए
तक
की
वार्षिक
आय
वाले
परिवारों
को
इस
योजना
के
तहत
5
लाख
रुपए
तक
का
स्वास्थ्य
कवर
दिया
जाता
है।
गरीब
रोगियों
के
लिए
वरदान
साबित
हो
रही
है
ये
योजना
अजमलभाई
कैंसर
से
जूझ
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा,
मेरी खराब आर्थिक स्थिति में महंगे अस्पताल में गले के कैंसर का इलाज कराना मुश्किल था। गुजरात सरकार की मुख्यमंत्री अमृतम योजना का लाभ उठाते हुए अस्पताल में मेरा मुफ्त इलाज हुआ और मुझे लगता है कि यह मेरे लिए एक कायाकल्प है। दरअसल, मां योजना गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए समान रूप से वरदान है। इस योजना में रोगी पंजीकरण शुल्क, परामर्श शुल्क, रोगी के भोजन और यात्रा व्यय समेत सभी तरह के खर्चों का भी भुगतान शामिल है।
राज्य के सरकारी अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और निजी अस्पताल भी ये कार्ड जारी करते हैं। इसके लिए मरीज की पहचान और निवास का प्रमाण जमा करना होता है।
बिना
वित्तीय
बोझ
के
महंगी
स्वास्थ्य
सेवाओं
को
बनाया
संभव
इस
योजना
के
बारे
में
डॉक्टर
राधिका
परमार
ने
कहा
कि
देश में स्वास्थ्य बीमा का अनुपात बहुत कम है। ऐसे में किसी भी गंभीर बीमारी के मामले में, आर्थिक तंगी के कारण रोगी की जान खतरे में पड़ जाती है। हालांकि, राज्य सरकार की मुख्यमंत्री अमृतम योजना और वात्सल्य योजना जैसी स्वास्थ्य योजनाओं के कारण मरीजों को पूरी तरह से मुफ्त इलाज मिलता है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बिना किसी वित्तीय बोझ के महंगी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकती हैं।
कैशलेस
उपचार
की
व्यवस्था
2012
में
गुजरात
सरकार
के
द्वारा
शुरू
की
गई,
राज्यव्यापी
मुख्यमंत्री
अमृतम
योजना
प्राथमिक,
माध्यमिक
या
तीसरे
चरण
की
1807
प्रक्रियाओं
के
लिए
पूरी
तरह
से
कैशलेस
उपचार
प्रदान
करती
है।
इनमें
ज्यादातर
जानलेवा
बीमारियां
और
सर्जरी
शामिल
हैं।
गुजरात
सरकार
की
इस
योजना
को
वास्तव
में
जनकल्याण
की
कसौटी
पर
खरी
उतरने
वाली
योजना
कहा
जा
सकता
है,
जिससे
गरीबों
का
जीवन
बदलने
लगा
है।