गुजरात में लगभग 20000 करोड़ रुपए की हेरोइन बरामद, ED ने दर्ज किया मनी लॉड्रिंग केस
अहमदाबाद, सितंबर 21: गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से अब तक की ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप बरामद की है। बरामद हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 20,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने मुंद्रा बंदरगाह से लगभग 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती की मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, सोमवार को बरामद हुआ ड्रग्स अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते भारत पहुंचा था।
अधिकारियों ने कहा कि संदेह को दूर करने के लिए ड्रग्स को थैलों के नीचे पैक किया गया था, ऊपर पाउडर की परतें रखी गई थीं। गुजरात के विशेष लोक अभियोजक कल्पेश गोस्वामी के अनुसार, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है और अहमदाबाद, चेन्नई और दिल्ली में तलाशी अभियान चलाया है। डीआरआई के अनुसार, हेरोइन ले जाने वाले कंटेनर्स को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित एक फर्म द्वारा आयात किया गया था और फर्म ने खेप को 'टेल्कम पाउडर' घोषित किया था।
कंटेनरों को आंध्र प्रदेश के विजयवाडा स्थित आशी ट्रेडिंग फर्म द्वारा अफगानिस्तान से ईरान और ईरान से मुंद्रा पोर्ट पर आयात किया गया था। आयात करने वाले आशी ट्रेडिंग फर्म चलाने वाली दंपति सुधाकर और वैशाली को चैन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है। इन्हें पिछले सप्ताह गुजरात की एक विशेष अदालत में पेश किया गया। 10 दिनों के लिए डीआरआई हिरासत में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में हेरोइन की कीमत ₹7 करोड़ प्रति किलोग्राम होने का अनुमान लगाया है, जिससे यह भारत में की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती बन जाती है।
गुजरात में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का गृह राज्य होने के कारण विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भाजपा से पूछा, क्या आप हमें बता सकते हैं कि गुजरात मादक पदार्थों की तस्करी का इतना बड़ा अड्डा क्यों बन गया है? उन्होंने कहा कि, क्या कारण है कि गुजरात में इतनी अधिक नशीली दवाओं की तस्करी आ रही है? हम इस रैकेट का भंडाफोड़ क्यों नहीं कर रहे हैं? यह सिंडिकेट अभी भी कैसे चल रहा है? यह एक गंभीर मामला है।
पवन खेड़ा ने कहा कि, पीएम गुजरात से हैं... गृह मंत्री गुजरात से हैं... फिर भी ड्रग तस्करों को यह रास्ता सबसे अनुकूल लगता है... क्यों?" दावा किया कि तस्करी पिछले सात वर्षों में बढ़ी है लेकिन मोदी सरकार ने "एनसीबी को अपनी निजी प्रतिशोध एजेंसी में बदल दिया है। कांग्रेस ने पिछले साल अभिनेता सुशांत राजपूत की मौत के आसपास कथित नशीली दवाओं के दुरुपयोग की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की हाई-प्रोफाइल जांच पर भी भाजपा पर कटाक्ष किया।