Andolanajeevi Hardik Patel: मोदी के बयान के बाद हार्दिक पटेल ने अपने नाम में जोड़ा आंदोलनजीवी
Andolanajeevi Hardik Patel on twitter, अहमदाबाद। गुजरात में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पाटीदार आरक्षण आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे हार्दिक पटेल ने अपने नाम के आगे 'आंदोलनजीवी' शब्द जोड़ लिया है। ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने इसका ऐलान किया। जहां उनका नाम 'Andolanajeevi Hardik Patel' हो गया है। ऐसा हार्दिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंदोलनकारियों पर दिए गए बयान के बाद किया। मोदी के आंदोलनजीवी बयान को हार्दिक ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी का अपमान करार दिया। उन्होंने इस पर विरोध दर्शाते हुए ट्विट भी किया, जिसमें हार्दिक ने लिखा- ''हम सब के प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी आंदोलन के दौरान संसद तक बैलगाड़ी से जाया करते थे, आज मोदी जी ने उन्हें भी आंदोलनजीवी कह दिया। अटल जी का अपमान,नहीं सहेगा हिंदुस्तान।''
मालूम हो कि, प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए 'आंदोलनजीवी' शब्द इस्तेमाल किया था। विरोधी दलों के नेताओं एवं वामपंथियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दिए गए आंदोलनजीवी से जुड़े बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उसका विरोध किया है। इसी संदर्भ में मंगलवार को हार्दिक पटेल ने अपने नाम के आगे आंदोलनजीवी शब्द जोड़ते हुए ट्विटर पर अपना नाम 'आंदोलनजीवी हार्दिक पटेल' कर लिया। गुजरात में हार्दिक वर्तमान में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं।
ट्विटर पर हार्दिक पटेल अच्छी खासी फैन-फॉलॉइंग है। उनसे टिवटर पर 16 लाख 31 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हार्दिक पटेल के बयानों पर अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है। वह गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राहुल गांधी के भी करीबी रहे हैं। वर्ष 2015 में हार्दिक पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक बने थे। उस साल अगस्त के महीने में उन्होंने अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली आयोजित की थी, जिसे लाखों लोगों ने समर्थन दिया। उस मर्तबा राज्यव्यापी तोड़फोड़ एवं हिंसा की घटनाएं भी हुईं। सरकार के आदेश पर उनके खिलाफ राजद्रोह का केस कर दिया गया। तब से लेकर आज तक उन्हें बहुत बार जेल हुई, लेकिन वह कभी सत्ताधारी दल के खिलाफ बोलने से पीछे नहीं हटे।
हार्दिक पटेल अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 20 जुलाई 1993 को हुआ था। उन्होंने कॉमर्स (वाणिज्य विषय) से ग्रेजुएशन किया था। वह पढ़ाई में कमजोर साबित हुए। मगर, अपने समाज के गुटों में अच्छी-खासी पैठ बनाने लगे। सबसे पहले वह 31 अक्टूबर 2012 को पटेल समुदाय के युवा वर्ग के एक ग्रुप का हिस्सा बने थे। एक महीने के भीतर ही वह विरंगम यूनिट के प्रेसिडेंट बन गए। उसके बाद तो उनके समर्थक बढ़ते ही चले गए।