Constitution Day 2022: संविधान में सुधार नहीं सही तरीके से पालन करने की है आवश्यकता
Constitution Day 2022: आज संविधान दिवस है। आज ही के दिन यानी 26 नवंबर,1949 को संविधान को विधिवत रुप में स्वीकार किया गया था। लेकिन इसे सिर्फ स्वीकार किया गया था लागू नहीं। भारतीय संविधान को 26 जनवरी,1950 को लागू किया गया था। विश्व के सबसे व्यापक संविधान में क्या वर्तमान में किसी सुधार की आवश्यकता है या नहीं? क्या लोग पहले से ज्यादा संविधान को लेकर जागरुक हुए हैं? इन सभी प्रश्नाें पर कुछ विधि जानकारों ने अपनी राय दी है। उनका मानना है कि संविधान में कोई कमी नहीं है,कमी है तो इसे समझने और सही तरीके से लागू करने में।

सुधार नहीं सही तरीके से पालन करने की है आवश्यकता
सिविल कोर्ट गोरखपुर के एडवोकेट अनूप पाण्डेय बताते हैं कि संविधान दिवस का उद्देश्य देश के नागरिकों को इसके प्रति जागरुक बनाना है। संवैधानिक मूल्यों की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे यह इसका उद्देश्य है। भारतीय संविधान नागरिकों को व्यापक अधिकार देता है। हमारा संविधान अलग और रोचक है। इसमें सुधार नहीं बल्कि सही तरीके से इसका पालन करने की आवश्यकता है। सभी चीजों को अच्छे से इंटरकनेक्ट कर तारतम्यता लानी होगी।
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लोग न्याय के प्रति तेजी से हो रहे जागरुक
चेयरमैन लॉ एण्ड लीगल सर्विसेज कुमार गौरव श्रीवास्तव का कहना है कि लोग कानून के प्रति पहले से ज्यादा जागरुक हुए हैं। पहले लोगों को लगता था कि उनको न्याय नहीं मिलेगा। आज प्रत्येक व्यक्ति खासकर युवा न्याय व अपने अधिकारों की बात कर रहा है। सोशल मीडिया ने बहुत तेजी से संविधान के महत्व का प्रसार किया है। आज व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से अपने अधिकारों के प्रति जागरुक हुआ है। डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की पंक्तियां याद करते हुए कुमार गौरव कहते हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति भविष्य में संविधान में कमी निकालेगा तो इसका सीधा मतलब यही है कि उस व्यक्ति में कमी है संविधान में नहीं।
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान कई सिद्धांतों और दृष्टांतों को अपने में समाहित किए हुए है, जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा निर्देश, कानून आदि तय किए गए हैं।