पीएम मोदी के नेतृत्व में संकल्पों को सिद्धि में बदल रहा भारत-योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गुुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में आयोजित साप
8सितंबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गुुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में आयोजित साप्ताहिक समारोह के अंतर्गत 'आजादी का अमृत महोत्सव : संकल्पना से सिद्धि तक' विषयक सम्मेलन में हिस्सा लिया।इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की।उन्होंने एक भारत,श्रेष्ठ भारत की भावना पर विशेष बल दिया।
नए
भारत
ने
विश्व
में
लहराया
परचम
इस
अवसर
पर
कार्यक्रम
को
संबोधित
करते
हुए
सीएम
योगी
ने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
के
नेतृत्व
में
भारत
ने
विश्व
पटल
पर
अपनी
पहचान
बनाई
है।आज
भारत
की
पूरे
विश्व
में
मजबूत
स्थिति
है।
जिस
ब्रिटेन
ने
भारत
पर
200
वर्षों
तक
शासन
किया,
वह
देश
अपनी
आजादी
के
75
सालों
में
उसी
ब्रिटेन
को
पछाड़कर
आज
विश्व
की
पांचवीं
सबसे
बड़ी
अर्थव्यवस्था
बन
गया
है।
आज
का
नया
भारत
अपने
संकल्पों
को
सिद्धि
में
बदल
रहा
है।
अनगिनत
बलिदान
ने
दिलाई
आजादी
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
हमारे
देश
को
आजादी
अचानक
नहीं
मिली।
इसके
लिए
अहर्निश
प्रयास
करना
पड़ा,
अनगिनत
बलिदान
देने
पड़े।
भारत
उन
चंद
देशों
में
से
एक
है
जिसने
कभी
पराजय
को
स्वीकार
नहीं
किया
बल्कि
निरंतर
लड़ता
रहा।
पृथ्वीराज
चौहान,
महाराणा
प्रताप,
छत्रपति
शिवाजी,
गुरु
गोविंद
सिंह
जैसे
महापुरुष
लगातार
देश
के
सम्मान
और
स्वाभिमान
के
लिए
लड़ते
रहे।
उस
दौर
में
देश
एकजुट
होकर
लड़ा
होता
तो
मुगलों
के
छक्के
उसी
कालखंड
में
छुड़ा
दिए
गए
होते
और
उसके
बाद
पराधीनता
नही
मिलती।
सीएम सीटी में बदले वार्डों के नाम,राम प्रसाद ,भगत सिंह,अशफाक के नाम पर जाने जाएंगे यह वार्ड
एकजुटता
ने
दिलाई
देश
को
आजादी
सीएम
योगी
ने
कहा
कि
1857
के
प्रथम
स्वातंत्र्य
समर
में
देश
एकजुट
होकर
लड़ा
था।
बैरकपुर
में
मंगल
पांडेय,
गोरखपुर
में
बंधु
सिंह,
मेरठ
में
धनसिंह
कोतवाल,
झांसी
में
रानी
लक्ष्मीबाई,
बिठूर
में
तात्या
टोपे
ने
आजादी
की
लड़ाई
की
मशाल
जलाई।
देश
का
कोई
क्षेत्र
ऐसा
नहीं
था
जहां
लोगों
ने
अंग्रेजी
हुकूमत
के
खिलाफ
हुंकार
न
भरी
हो।
पहली
बार
लगा
था
कि
भारत
दासता
से
मुक्त
हो
जाएगा।
तभी
से
क्रांति
की
ज्वाला
बुझने
नहीं
पाई।
1922
में
ऐतिहासिक
चौरीचौरा
जनाक्रोश
हुआ,
लखनऊ
में
काकोरी
की
घटना
में
कई
क्रांतिकारियों
को
फांसी
दी
गई।
अनगिनत
बलिदान
से
अंततः
15
अगस्त
1947
को
देश
स्वतंत्र
हो
गया।
पंच
प्रणों
से
जुड़ने
की
अपील
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
सभी
लोगों
को
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
द्वारा
स्वाधीनता
दिवस
पर
बताए
गए
पंच
प्रणों
से
जुड़ने
का
आह्वान
करते
हुए
कहा
कि
यदि
हम
लक्षित
संकल्पों
से
जुड़कर
अपने
अपने
क्षेत्र
के
दायित्वों
का
ईमानदारी
से
निर्वहन
करें
तो
दुनिया
की
कोई
भी
ताकत
भारत
को
विकसित
राष्ट्र
बनने
से
नहीं
रोक
सकती।
उन्होंने
कहा
कि
चाहे
वह
छात्र
हो,
शिक्षक,
किसान,
उद्यमी,
व्यापारी
या
समाज
का
कोई
भी
तबका,
सबके
मन
मे
'देश
प्रथम'
का
भाव
होना
चाहिए।
हमें
अपने
क्षेत्र
में
कार्य
करते
हुए
आत्मनिर्भर
भारत
के
लिए
कार्य
करना
होगा।
पंचायतों
और
निकायों
को
हरेक
कार्य
के
लिए
सरकार
पर
निर्भर
रहने
की
बजाय
राजस्व
के
स्रोतों
को
बढ़ाना
होगा।
पीएम
मोदी
के
पंच
प्रण
किसी
व्यक्ति,
मजहब,
धर्म
या
क्षेत्र
के
लिए
नहीं
बल्कि
देश
की
135
करोड़
जनता
के
लिए
मिलकर
काम
करने
का
मंत्र
हैं।
Gorakhpur:
फरार
गुप्ता
बद्रर्स
पर
डीआईजी
ने
बढ़ाया
इनाम:50-50
हजार
के
इनामियां
हुए
आशीष
और
अमित
एक
भारत-श्रेष्ठ
भारत
सीएम
योगी
ने
कहा
कि
देश
की
आजादी
के
बाद
दुनिया
को
लगा
था
कि
भारत
लंबा
नहीं
चल
पाएगा।
पर,
इन
75
वर्षों
में
अलग-अलग
बोली,
भाषा,
खानपान
के
बावजूद
कश्मीर
से
कन्याकुमारी
तक
तथा
द्वारिका
से
बंगाल
तक
पूरे
देश
में
एक
समान
राष्ट्रीय
भाव
भंगिमा
दिखती
है।
हमें
और
आगे
बढ़ने
के
लिए
'एक
भारत-श्रेष्ठ
भारत'
का
भाव
जगाना
होगा
और
इसकी
शुरूआत
स्वयं
से
करनी
होगी।
इतिहास
को
याद
रखना
होगा
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
हम
इतिहास
को
विस्मृत
कर
उज्जवल
भविष्य
की
कल्पना
नहीं
कर
सकते।
विकास
केवल
बोल
देने
से
नहीं
होगा
बल्कि
इसमें
सबकी
भूमिका
होनी
चाहिए।
इतिहास,
ज्ञान,
विज्ञान
के
समन्वय
से
ही
विकास
का
मार्ग
प्रशस्त
होगा।
उन्होंने
कहा
कि
जिन
महापुरुषों
ने
आजादी
के
लिए
अपना
सर्वस्व
न्यौछावर
कर
दिया
और
गुमनाम
रह
गए,
उन्हें
ढूंढना
और
उनके
जरिए
वर्तमान
एवं
भावी
पीढ़ी
को
प्रेरणा
देने
का
दायित्व
शिक्षण
संस्थाओं
को
उठाना
होगा।
इसी
क्रम
में
राष्ट्रीय
शिक्षा
नीति
के
संकल्पों
से
जुड़कर
शिक्षण
संस्थान
खुद
को
आदर्श
केंद्र
बना
सकते
हैं।
सरकारी
योजनाओं
की
रखें
जानकारी
उन्होंने
कहा
कि
शिक्षण
संस्थाएं
पाठ्यक्रमों
के
साथ
सरकार
की
योजनाओं
की
गहरी
जानकारी
रखें
ताकि
अध्ययन
के
बाद
छात्र
को
कहीं
भटकना
न
पड़े।
योजनाओं
की
जानकारी
से
छात्र
अध्ययन
के
साथ
ही
अपने
आगामी
लक्ष्य
को
तय
कर
सकेगा
और
लक्षित
संकल्प
से
ही
सिद्धि
प्राप्त
होगी।
Gorakhpur News: गोरखपुर पुलिस अब और होगी स्मार्ट,इस टेक्नोलॉजी की जानेगी बारिकियां
राष्ट्र
निर्माण
की
संकल्पना
इस
अवसर
पर
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
अपने
दादागुरु
ब्रह्मलीन
महंत
दिग्विजयनाथ
एवं
गुरुदेव
ब्रह्मलीन
महंत
अवेद्यनाथ
को
भावभीनी
श्रद्धांजलि
देते
हुए
कहा
कि
महंतद्वय
आजीवन
राष्ट्र
निर्माण
की
संकल्पना
से
जुड़े
रहे।
महंतद्वय
के
नेतृत्व
में
गोरक्षपीठ
के
एक-एक
कार्य
समाज
एवं
राष्ट्र
के
प्रति
समर्पित
रहे।
श्रीराम
जन्मभूमि
आंदोलन,
छुआछूत
उन्मूलन,
गोरक्षा
से
लेकर
शिक्षा
एवं
स्वास्थ्य
के
क्षेत्र
में
गोरक्षपीठ
ने
हमेशा
अग्रणी
भूमिका
निभाई
है।