गुजरात के इस सीरियल किलर को पकड़ने में नाकाम रहीं पुलिस की 60 टीमें, 8 महीने बाद जिम्मा CID के पास
Gujarat News, गांधीनगर। गुजरात में गांधीनगर के कई लोगों की जान ले चुका एक सीरियल किलर 8 महीने से पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पा रहा है। ग्रामीण इलाकों में उसने अलग-अलग समय पर वारदातों को अंजाम दिया है। उसे दबोचने के लिए पुलिस और एसआईटी ने 60 टीम बनाईं। महाराष्ट्र से मुंबई पुलिस भी उसकी खोजबीन के लिए गांधीनगर आई। मगर, अब तक वह पकड़ा नहीं जा सका है। इसलिए, अब उसका केस सीआईडी को सौंपा गया है।
बहुत ही शातिर अपराधी, किसी को नाम भी नहीं पता
गांधीनगर पुलिस से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, वह अपराधी बहुत शातिर और खूंखार है। वह कत्ल करता है और गायब हो जाता है। सिपाहियों को न उसका नाम पता चला है और न ही कभी किसी पुलिसकर्मी से मुठभेंड़ हुई है। वह मौका देखकर हमला करता है। मुंबई में पिछले दिनों लोकल ट्रेन में महिलाओं की हत्या कर दी गई। पुलिस ने सीसीटीवी खंगाले तो पाया कि हत्यारा कुछ वैसा ही दिखता है, जैसा कि गांधीनगर पुलिस ने उसके स्कैच बनवाए थे। जिसके बाद मुंबई से पुलिस जांच-पड़ताल के लिए गुजरात आई।
उसे खोजने में 60 टीमें विफल रहीं
फरवरी के महीने में सीरियल किलर को खोजने के लिए पुलिस की 60 टीमें लगाईं। तब उसने जिले में तीन मर्डर किए थे। पिछले 8 महिने से उसने कोहराम मचा रखा था। उसे दबाचने के लिए पुलिस ने कई इलाकों में गश्त की। सीसीटीवी के जरिए नजर रखने की कोशिश की गई, मगर वह पकड़ा नहीं जा सका। सिपाहियों को यह चिंता भी सताती रही है कि वह कातिल फिर किसी की हत्या की वारदात को अंजाम ना दे डाले। इसलिए, जहां उसने वारदातें की, उन स्थानों पर चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाने लगी। कई जगहों पर पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई।
गांधीनगर में पॉइंट-ब्लैंक रेंज पर चलाई थीं गोली
अब जबकि, सीरियल किलर का केस सीआईडी को सौंपा गया है तो स्थानीय अपराध शाखा और गांधीनगर पुलिस ने थोड़ी चैन की सांस ली है। मगर, सरकार ने पुलिस को कहा है कि वह गश्ती जारी रखेगी। बताते चलें कि सीरियल किलर ने गांधीनगर में पॉइंट-ब्लैंक रेंज पर गोली चलाई थीं। उसने जिले में 3 लोगों की ज़िंदगी खत्म कर दी थी। उसके पास मौजूद हथियार को भी पुलिस नहीं पहचान पाई है।
स्कैच जारी होने के बाद थमीं वारदातें
लोकल क्राइम ब्रांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि हत्यारे के पास 7.65 मिमी वाली पिस्तौल हो सकती है। वह पिस्तौल दूसरे राज्य से चुराई गई होगी। बहरहाल, सीसीटीवी की मदद से संदिग्ध का स्कैच जारी करने से वारदातें थम गई हैं। हालांकि, फिर भी ये डर बना रहता है कि वह कब कहां किसकी हत्या कर दे।