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जो क्लास में अधिक नंबर लाए वो ही ज्ञानी भी हो, ऐसा सोचना गलत: स्वामी विवेकानंद

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नई दिल्ली। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस है, स्वामी विवेकानंद ने पूरे जीवन चरित्र के निर्माण पर बल दिया। वह ऐसी शिक्षा चाहते थे जिससे बालक का सर्वांगीण विकास हो सके। बालक की शिक्षा का उद्देश्य उसको आत्मनिर्भर बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करना था ना कि केवल नौकरी करना।

स्वामी विवेकानंद ने प्रचलित शिक्षा को 'निषेधात्मक शिक्षा' कहा था

स्वामी विवेकानंद ने प्रचलित शिक्षा को 'निषेधात्मक शिक्षा' कहा था

स्वामी विवेकानंद ने प्रचलित शिक्षा को 'निषेधात्मक शिक्षा' की संज्ञा देते हुए कहा था कि आप उस व्यक्ति को शिक्षित मानते हैं जिसने कुछ परीक्षाएं उत्तीर्ण कर ली हों और जो अच्छे भाषण दे सकता हो, पर वास्तविकता यह है कि जो शिक्षा जनसाधारण को जीवन संघर्ष के लिए तैयार नहीं करती, जो चरित्र निर्माण नहीं करती है।

जो शेर जैसा साहस पैदा नहीं कर सकती....

वो समाज सेवा की भावना विकसित नहीं करती और जो शेर जैसा साहस पैदा नहीं कर सकती, ऐसी शिक्षा से क्या लाभ, इसलिए विवेकानंद ने सैद्धान्तिक शिक्षा के बजाय व्यावहारिक शिक्षा पर बल दिया था, उन्होंने हमेशा कहा था कि अगर कोई बच्चा क्लास में अधिक नंबर लेकर आए और वो ज्ञानी भी हो, ऐसा सोचना गलत है, नंबर से ज्ञान का लेना-देना नहीं है।

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शिक्षा के बारे में विवेकानंद ने निम्नलिखित बातें कही थीं...

शिक्षा के बारे में विवेकानंद ने निम्नलिखित बातें कही थीं...

  • शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक का शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक विकास हो सके।
  • शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक के चरित्र का निर्माण हो।
  • शिक्षा ऐसी हो जिससे मन का विकास हो।
  • शिक्षा ऐसी हो जिससे बुद्धि विकसित हो और बालक आत्मनिर्भर बने।
'आर्थिक प्रगति के लिए तकनीकी शिक्षा जरूरी'

'आर्थिक प्रगति के लिए तकनीकी शिक्षा जरूरी'

  • बालक-बालिकाओं दोनों को समान शिक्षा देनी चाहिए।
  • धार्मिक शिक्षा, पुस्तकों द्वारा न देकर आचरण एवं संस्कारों द्वारा देनी चाहिए।
  • पाठ्यक्रम में लौकिक एवं पारलौकिक दोनों प्रकार के विषयों को स्थान देना चाहिए।
  • देश की आर्थिक प्रगति के लिए तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
  • अंकों के फेर में ना जाकर बच्चों को विषय का ज्ञान देने की कोशिश करें।

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English summary
Swami Vivekananda's focus to all is character building, He told that purity, patience and perseverance overcome all obstacles.
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