Swami Vivekanand: जब विवेकानंद ने कहा कि गंगा नदी नहीं हमारी मां है...
नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद का नाम लेते ही सिर श्रद्धा से झुक जाता है, नई सोच और जो कहो वो कर दिखाने का जज्बा रखने वाले विवेकानंद एक अभूतपूर्व मानव थे। अगर आज उनके बताए गए रास्तों पर हमारे देश के युवागण चले तो वो दिन दूर नहीं जब हमारा देश वैसा ही बन जाएगा जैसा बनाने का सपना बापू ने देखा था। यूं तो स्वामी जी के बहुत सारे किस्से इंसानों की आंखों को खोल देते हैं लेकिन एक वाकया ऐसा है जिसने देशी ही नहीं बल्कि विदेशियों के भी सिर झुक गया।
गंगा नदी नहीं हमारी मां है
एक बार अमेरिका में कुछ पत्रकारों ने स्वामीजी से भारत की नदियों के बारे में प्रश्न पूछा, आपके देश में किस नदी का जल सबसे अच्छा है? स्वामीजी बोले- यमुना, पत्रकार ने कहा आपके देशवासी तो बोलते हैं कि गंगा का जल सबसे अच्छा है, स्वामी जी का उत्तर था, कौन कहता है गंगा नदी हैं, वो तो हमारी मां हैं, यह सुनकर सबलोग निशब्द हो गए।
कोलकाता के एक कायस्थ परिवार में हुआ
स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। उनके दादा दुर्गाचरण दत्ता संस्कृत और फारसी के विद्वान थे उन्होंने अपने परिवार को 25 की उम्र में छोड़ दिया और एक साधु बन गए थे।
शिकागो
स्वामी विवेकानन्द ने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था, जिसने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था।
रामकृष्ण मिशन की स्थापना
उन्होंने अपने गुरू के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। स्वामी विवेकानन्द ने हमेशा कहा कि सारे जीव स्वयं परमात्मा के अवतार हैं इसलिए हर व्यक्ति की सेवा करनी चाहिए। विवेकानंद के संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया था। भारत में, विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में माना जाता है। इसलिए पूरा देश उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाता है।
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