पाखंड का जाल: आशीर्वाद पाने के लिए गुरु के साथ बितानी पड़ती थीं रातें
धर्म के आड़े महिलाओं को अपने हवस का शिकार बनाने वाले इन बाबाओं को लेकर जो खुलासे हुए उसे जानकर न केवल आपको खून खौल जाएगा
नई दिल्ली। धरती पर खुद को भगवान बताने वाले धर्म प्रचारकों, स्वामियों, गुरुओं को लेकर कई गंभीर और सनसनीखेज खुलाते होते रहे हैं। फिर चाहे वो कथावाचक आसाराम बापू हो, दक्षिण भारत के स्वामी नित्यानंद, स्वामी भीमानंद हो या फिर दक्षिण भारत के प्रेमानंद। धर्म के आड़े महिलाओं को अपने हवस का शिकार बनाने वाले इन बाबाओं को लेकर जो खुलासे हुए उसे जानकर न केवल आपको खून खौल जाएगा, बल्कि धर्म के प्राचरकों पर से आपका विश्वास उठ जाएगा।
धर्म के नाम पर पाखंड
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर महिलाएं उनके चंगुल में कैसे फंस जाती हैं? कैसे धर्म के नाम पर वो पढ़ी-लिखी महिलाओं का ब्रेन वॉशकर उन्हें अपने शारीरिक और यौन सुख की वस्तु बना देते हैं? क्यों ये महिलाएं वासाओं से सने हुए इन बाबाओं के जाल में फंसती चली जाती है?
आश्रम में वासना का खेल
इन सबका जवाब आज आपको वीणा(बदला हुआ नाम) की इस कहानी को पढ़कर मिल जाएगा। द न्यूज मिनट में छपे लेख के मुताबिक वीणा उन पीड़ितों में से एक है जो इन बाबाओं के वासाओं की शिकार बनीं है। वीणा पढ़ी-लिखी और कमाऊ महिलाओं होते हुए भी इन सब में फंस कर रह गई। 7 साल तक धर्म के नाम पर गुरु की वासना को सहा, उसे धर्म और भगवान का डर दिखाकर शारीरिक भोग और विलासिता के दलदल में धकेला जाता।
होता है ब्रेनवॉश
वीणा
अपनी
अच्छी
खासी
नौकरी
छोड़कर
धर्म
का
प्रचार
और
जरुरतमंदों
की
मदद
के
चलते
गुरु
के
संपर्क
में
आई,
लेकिन
उसे
नहीं
पता
था
कि
वहां
जाने
के
बाद
वो
वहां
से
इतनी
आसानी
से
निकल
नहीं
पाएगी।
वीणा
के
घरवालों
से
समझाया,
लेकिन
गुरु
के
प्रवचणों
और
उनकी
बातों
से
वो
इतनी
प्रभावित
हो
गई
कि
सबकुछ
छोड़कर
वो
आश्रम
पहुंच
गई।
उसे
गुरु
का
कमरा
साफ
करने
की
जिम्मेदारी
दी
गई,
लेकिन
जब
पहली
बार
जब
गुरु
ने
उसे
हाथ
लगाया
तो
वो
डरकर
भाग
गई।
वो
समझ
नहीं
पा
रही
थी
कि
जिसे
वो
अपना
भगवान
मानती
है
वो
उसे
उस
तरह
के
क्यों
छू
रहा
है,
जिस
तरह
से
एक
पुरुष
एक
महिला
को
वासना
की
लालसा
से
छूता
है।
आत्मा से आत्मा का मिलन
उसे दोबारा कमरे में आने का आदेश दिया गया। गुरु ने उससे बस इतना कहा कि जिसे वो शारीरिक स्पर्श समझ रही है वो उसके लिए आत्मा का मिलन है। चूंकि उसकी आत्मा बेहद खास है इसलिए गुरु ने उसका चुनाव किया है। गुरु ने उससे कहा कि वो हर किसी को स्पर्श नहीं करते हैं, जो लोग बेहद खास और जितनी आत्मा पवित्र होती है उन्हें ईश्वर तक पहुंचाने के लिए वो उसे स्पर्श कर उसका मार्ग बनते हैं। वीणा न चाहते हुए भी गुरु की बातें मानने को तैयार हो गई। फिर क्या था सालों तक ये सिलसिला चलता रहा। न केवल उसके साथ बल्कि ऐसी कई खास और पवित्र आत्माओं वाली महिलाओं को गुरु ईश्वर तक पहुंचाते थे।
धर्म के नाम पर कुकर्म
7 साल बाद वीणा का भम्र टूटा। वो वहां से भाग खड़ी हुई। वीणा ने पुलिस में भी इस बात की शिकायत की। मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है और उसे उम्मीद है कि वो गुरु के मुख पर लगे मुखौटे तो जल्द ही हटा पाने में कामियाबी मिलेगी।