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Kalpana Chawla: 16 दिन की अपनी अंतिम अंतरिक्ष यात्रा में कल्पना चावला ने की थी 80 से ज्यादा रिसर्च

कल्पना चावला ने कुल 30 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट अंतरिक्ष में बिताए थे। मगर, अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा पूरी करके पृथ्वी लौटते समय कल्पना का रॉकेट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कल्पना चावला का 1 फरवरी को निधन हो गया था।

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Kalpana Chawla Death Anniversary more than 80 researches in her last 16-day space journey

Kalpana Chawla: 1962 में हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं कल्पना चावला अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। प्यार से घर में उन्हें मोंटू पुकारा जाता था। महज 20 साल की उम्र में अमेरिका चली गई और दो साल बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी। कल्पना चावला ने अपने जीवन काल में दो बार अंतरिक्ष की सैर की थी।

नासा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार कल्पना ने पहली बार 19 नवंबर से लेकर 5 दिसंबर 1997 और दूसरी बार 16 जनवरी से लेकर 1 फरवरी 2003 तक की यात्रा की। दूसरी यात्रा कल्पना की अंतिम यात्रा थी। दरअसल, 1 फरवरी, 2003 को अमेरिका के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर उतरने से पहले अंतरिक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें उनका निधन हो गया। उनकी याद में न्यूयॉर्क में एक सड़क का नाम आधिकारिक तौर पर 'कल्पना चावला वे' रखा गया है। भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री का गौरव भी कल्पना चावला के नाम दर्ज है।

STS-107 Columbia से अंतिम उड़ान

कल्पना की आखिरी उड़ान 16 जनवरी 2003 को STS-107 Columbia से शुरू हुई। यह 16 दिन का अंतरिक्ष मिशन था, जो पूरी तरह से विज्ञान और अनुसंधान पर आधारित था। 1 फरवरी को यह यान अपनी अंतरिक्ष यात्रा के बाद 7 चालक दल के सदस्यों के साथ पृथ्वी पर लौट रहा था। मगर पृथ्वी पर लौटते समय वायुमंडल में प्रवेश करते ही यह यान दुर्घटना का शिकार हो गया।

STS-107 Columbia अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाला पहला स्पेसशिप (Spaceship) था। इसकी पहली उड़ान अप्रैल 1981 में हुई थी और इस घटना से पहले इसने 27 मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए थे। 16 जनवरी को ये अपनी अंतिम उड़ान पर था।

नासा को पहले ही लग गया था मौत का पता

क्या आपको मालूम है कि कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही नासा को पता चल गया था कि ये सुरक्षित जमीन पर नहीं उतरेगा। जी हां, इसका खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर ने किया था। बावजूद इसके, कल्पना चावला सहित अन्य वैज्ञानिकों ने 16 दिन की अंतरिक्ष यात्रा में नासा को पल-पल का अपडेट दिया और अपने मिशन में लगे रहे।

16 दिन स्पेस में हुआ था यह काम

Space.com के अनुसार, 16-दिवसीय उड़ान के दौरान, कल्पना और उनके साथियों ने 80 से अधिक प्रयोग पूरे किए। यह काम करने के लिए शिफ्ट शेड्यूल पर काम किया जा रहा था ताकि स्पेस में उस दौरान उनकी रिसर्च कभी भी बंद न हो। नासा के अनुसार अन्य कार्यों के बीच, STS-107 Columbia के दल ने उस तकनीक का भी परीक्षण किया जिससे NASA अपने young International Space Station पर पानी का पुनर्चक्रण (water recycling) करना चाहता था। स्पेस हब मॉड्यूल में पूर्ण किए गए प्रयोग जैविक और स्वास्थ्य विज्ञान पर केंद्रित थे। साथ ही कैसे कीड़े और मछली अंतरिक्ष यान पर प्रतिक्रिया करते हैं, इस पर भी प्रयोग किया गया था।

DNA से हुई थी कल्पना की पहचान

30 दिसंबर 2008 को इस दुर्घटना के बारे में नासा ने 400 पन्नों की एक जांच रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, कल्पना और उनके साथियों के पास बहुत कम वक्त था। स्पेसशिप का कंट्रोल खोने और केबिन का प्रेशर बुरी तरह बिगड़ने के बीच सिर्फ 40 सेकंड लगे। हालांकि केबिन के सर्कुलेटरी सिस्टम ने थोड़े समय के लिए काम किया, लेकिन डीप्रेशराइजेशन इतना गंभीर था कि क्रू दोबारा होश में नहीं आ पाया। आखिरकार नासा ने शटल के 84,000 टुकड़े बरामद किए, जो वजन के हिसाब से कोलंबिया के सिर्फ 40 प्रतिशत थे। इन्हीं 84,000 टुकड़ों में कल्पना और उनके बाकी साथियों के अवशेष भी थे, जिनकी पहचान डीएनए से की गई थी।

कल्पना चावला के अंतिम शब्द

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश को शोक संदेश भेजा था। वहीं आपको बता दें कि कल्पना के अंतिम शब्द थे कि "हालांकि मुझे अपनी जड़ों पर बहुत गर्व है, लेकिन उन्हें अंतरिक्ष में भारतीय होना महसूस नहीं होता, क्योंकि जब आप तारों और आकाशगंगा को देखते हैं, तो आपको लगता है कि आप केवल किसी विशेष भूमि के टुकड़े से नहीं, बल्कि सौर मंडल से हैं, मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनीं हूं, हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया और इसी के लिए मरूंगी।"

यह भी पढ़ें: Green Comet: क्या हमारे लिए खतरा बन सकता है 50 हजार साल बाद लौटा हरा धूमकेतू

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English summary
Kalpana Chawla Death Anniversary more than 80 researches in her last 16-day space journey
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