जब फिल्में छोड़कर संन्यासी बन गए थे विनोद खन्ना, जानें क्या थी वजह
मशहूर बॉलीवुड एक्टर विनोद खन्ना ने अचानक से फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया क्योंकि ये ओशो के आश्रम में चले गए थे।
नई दिल्ली। मशहूर बॉलीवुड एक्टर विनोद खन्ना अब हमारे बीच नहीं रहे, न्यूज सुनने वालों, पढ़ने वालों और देखने वालों को अब भी यकीन नहीं हो रहा कि विनोद खन्ना अब इस दुनिया में नहीं रहे।
विनोद खन्ना (1946-2017): 'मन के मीत' से 'दिलवाले' तक हर 'इम्तिहान' में हिट...
जीवन में हर लड़ाई जीतने वाले विनोद खन्ना अपनी जीवन की लड़ाई कैंसर से कारण हार गए। विनोद खन्ना का नाम लेते ही आंखों के सामने एक हैंडसम और चार्मिंग हीरो की तस्वीर उभरती है जिसके चेहरे पर एक मुस्कान रहती थी। 70-80 के दशक का ये सुपरस्टार शायद आज अमिताभ बच्चन की ही तरह हिंदी फिल्मों का महानायक होता, अगर इन्होंने अपने सफल करियर को बीच में ना छोड़ा होता।
बॉलीवुड को अलविदा कहकर सबको चौंका दिया
अपने फिल्मी करियर के चरम पर इन्होंने अचानक से बॉलीवुड को अलविदा कहकर सबको चौंका दिया था। ना केवल इन्होंने अपनी करियर बल्कि अपना परिवार, जिसमें एक बीवी और दो बेटे थे, को भी छोड़ दिया और ये आचार्य रजनीश (ओशो) के शरण में चले गए थे।
अपनी मां की मौत से बहुत ज्यादा परेशान हो गए थे
कहा जाता है कि ये उस वक्त अपनी मां की मौत से बहुत ज्यादा परेशान हो गए थे, उनका जीवन से मोहभंग हो गया था, उन्हें शांति की तलाश थी जो कि उन्हें अमेरिका में ओशो के आश्रम में जाकर मिली थी। ओशो ने उन्हें स्वामी विनोद भारती नाम दिया था।
जो स्टारडम उन्होंने छोड़ा था वो उन्हें वापस नहीं मिला...
करीब 5 साल बाद इन्होंने फिर से बॉलीवुड में वापसी की, लेकिन तब तक सब कुछ बदल चुका था लेकिन फिर भी इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वो वापस धमाकेदार फिल्मों से हिंदी सिनेमा में छा गए लेकिन जो स्टारडम उन्होंने छोड़ा था वो उन्हें वापस नहीं मिल पाया।
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