Delhi's Air Pollution : SMOG के साइड इफेक्ट से बचने के 11 रामबाण उपाय, आजमाने से मिल सकती है राहत
दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह जब लोगों ने आंखें खोली तो नजारा जनवरी (पूस के माह) के शीतलहर जैसा था। पहले तो लोगों ने ऐसा माना कि ठंड ने दस्तक दे दी है और खुश होने जैसे माहौल का अनुभव करने लगे लेकिन उनकी यह खुशफहमी क्षणिक थी, यह मामला कुछ और ही था।
Recommended Video
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह जब लोगों ने आंखें खोली तो नजारा जनवरी (पूस के माह) के शीतलहर जैसा था। पहले तो लोगों ने ऐसा माना कि ठंड ने दस्तक दे दी है और खुश होने जैसे माहौल का अनुभव करने लगे लेकिन उनकी यह खुशफहमी क्षणिक थी, यह मामला कुछ और ही था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े और अब शायद इसका दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है। चारों ओर घने कोहरे (SMOG) की चादर दिखने लगी, और कुछ घंटों में ही लोगों ने आंखों में जलन, खाँसी, गले में सूखापन,नाक में खुजली,सांस लेने में तकलीफ और त्वचा में जलन महसूस की।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'टॉक्सिक गैस चैंबर' बनीं दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 'जहरीली हवा' की वजह से इस शहर को 'टॉक्सिक गैस चैंबर' के विशेषण से भी नवाजा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य की दृष्टि से दिल्ली में आपातकालीन स्थिति (पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी) घोषित कर दी है। IMA ने सरकार को 19 नवंबर को होने वाले हाफ मैराथन दौड़ को भी रद्द करने की मांग की है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक दिल्ली-एनसीआर क इलाकों में ऐसी ही स्थिति बने रहने की चेतावनी दी है। यह पहली दफा नहीं है जब यहां ऐसा हुआ है, पिछले साल भी 7-8 नवंबर को लगभग ऐसी ही परिस्थिति से आम लोगों को दो-चार होना पड़ा था।
सांस लेना हो गया है मुश्किल
दिन-प्रतिदिन बढ़ती गाड़ियों की संख्या, जनसंख्या और उससे फैलते प्रदूषण ने इन शहरों को रहने लायक भी नहीं छोड़ा है। राज्य सरकार ने इस मसले पर तुरंत कार्रवाई की और पांचवीं तक के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया। दिल्ली-एनसीआर में लाखों लोग एक जगह से दूसरे जगह काम करने जाते हैं और उन्हें लंबे समय तक प्रदूषित हवा जो अब और भी दमघोंटू हो चुकी है में सांस लेना पड़ता है। अगर आप भी उनमें से एक हैं तो जानिए आप खुद को कैसे इस जहरीली हवा से बचा सकते हैं। जानिए वो 10 उपाय जो आपके लिए ऐसी स्थिति में मददगार साबित हो सकते हैं।
संभव हो तो घर में बिताएं समय
अगर संभव हो सके तो जब तक दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता, घर पर व्यायाम करें और सुबह और शाम की सैर के लिए बाहर जाने से बचें। अगर आपके संस्थान में घर से काम (work from home) करने की व्यवस्था हो तो इस विकल्प को चुनें। घर से ऑफिस या ऑफिस से घर जाने के लिए सबसे बेस्ट समय का चयन करें जब बाहर प्रदूषण की मात्रा सबसे कम हो।
खुद को ढककर रहें या यात्रा करें
वायु प्रदूषण में वायुमंडल में कई ऐसी नुकसानदेह चीजें होती हैं जिसे हम भले अपनी नग्न आँखों से न देख पाएं लेकिन वो स्किन के स्पर्श में आकर आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्रदूषण की वजह से होने वाले इंफेक्शन से बचने के लिए फुल स्लीव कपड़े पहनें हो सके तो हर एक-आध घंटे पर अपना चेहरा और हाथ जरूर साफ करें।
संतुलित भोजन लें और खूब पानी पिएं
जल ही जीवन और स्वास्थ्य ही धन है, दिल्ली की इस जहरीली हवा का डंटकर मुकाबला करने के लिए अपने खाने को संतुलित रखें। गुड़, तुलसी के पत्ते और शहद का सेवन ऐसी स्थिति में आपके रोग प्रतिरोधी क्षमता को काफी मजबूत रखेगा। ऐसे समय में अपने खाने में फलों की मात्रा बढ़ा दें। सांस के रूप में मुँह और नाक से लिए प्रदूषित वायु के प्रभाव से बचने के लिए पानी जमकर पिएं।
घर में लगाएं या रखें इनडोर पौधे
प्रदूषित वायु से बचने के लिए आप अपने घरों या ऑफिस मे ऐसे पौधे रखें जो हवा की गुणवत्ता को बेहतर रख सके. आप अपने परिवेश में एलोवेरा, मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट, आर्टिफिशियल बैम्बू प्लांट, स्नेक प्लांट भी रख सकते हैं। यह बाजार में भी कम कीमत और आसानी से आपको मिल सकते हैं। इन पौधों से आपके आस-पास की हवा स्वच्छ रहेगी।
प्रदूषण से बचने के लिए खरीदें बेहतर मास्क
दिल्ली-एनसीआर की इस दूषित हवा से बचने के लिए एक अच्छे मास्क का इस्तेमाल करना नितांत आवश्यक है। मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो N95 और N99 गुणवत्ता के मास्क को सबसे बेहतर माना गया है। यह आपको प्रदूषित हवाओं से बचाए रखने में काफी मदद करेगा।
बंद वाहनों का करें उपयोग और कारपूल
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं, अगर आपका ऑफिस बहुत दूर नहीं है तो मास्क का इस्तेमाल करें और बेहतर होगा आप पैदल या फिर साइकिल से यह दूरी तय करें। अगर आपका ऑफिस दूर है तो बंद गाड़ियों से जाएं या फिर मेट्रो या किसी बंद परिवहन के साधन का इस्तेमाल करें। ऑटो, दो चक्के के वाहन या बाइक से अभी लंबी दूरी तय करने से बचें।
धुम्रपान न करें और कैंडल जलाने स बचें
गाड़ी के प्रदूषण के अलावा आप इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ और भी महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं. धुम्रपान निशेष उनमें से एक है। जितना हो सके लकड़ी के चूल्हे का कम इस्तेमाल करें। कैंडल न जलाएं, आग की भट्टी न लगाएं।
कंस्ट्रक्शन साइट वाली जगहों पर जानें से बचें
अगर आप अभी अपना घर बना रहे हैं या फिर कोई नया घर खरीदा हो तो उसमें चल रहा काम अभी रूकवा दें। ऐसी जगहों पर उड़ रहे धूल-कण आपकी सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदेह हो सकते हैं। प्रदूषण की स्थिति सुदृढ़ हो जाने के बाद ही ऐसी जगहों पर काम शुरु करवाएं।
आस-पास की जगहों को स्वच्छ रखें
ऐसा कहा जाता है कि स्वछता में भगवान का वास होत है, अपनी दिनचर्या में आप इसे शामिल कर लें। आप अपने आस-पास की जगहों पर सफाई रखें। बाकी लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। घर के बाहर पानी का हल्का छिड़काव करें जिससे उड़ने वाले धूल-कण जमीन पर बैठ जाएंगे। आप यह भी सुनिश्चित कर लें कि सिर्फ घर के बाहर ही नहीं बल्कि आपका घर भी प्रतिदिन साफ रहे। यह आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।
अस्थमा के मरीज रखें विशेष ध्यान
वायु प्रदूषण से अस्थमा के रोगियों को सबसे ज्यादा परेशानी अगर आप या आपके के परिवार में किसी को अस्थमा या सांस लेने में परेशानी होने की बीमारी है तो ऐसे लोगों के लिए यह धुंध सबसे ज्यादा हानिकारक होती है। धुंध में व्याप्त प्रदूषित कण की वजह से ऐसे लोगों को सांस लेने में कठिनाई होती है और उनका दम घुटने लगता है। इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को बाहर निकलने से हरसंभव बचना चाहिए। उन्हें अपने साथ हमेशा इनहेलर रखना चाहिए ताकि किसी भी स्थिति में अस्थमा के अटैक से बचा जा सके।
घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं
अगर आपके घर में छोटे बच्चे,बूढ़े या अस्थमा के मरीज हैं तो घर में एयर प्यूरीफायर लगाना अनिवार्य है। आप हर एक काम छोड़ इसे प्राथमिकता से कर सकते हैं और अपनों को सांस लेने के लिए एक बेहतर माहौल दे सकते हैं। दिल्ली की इस दूषित हवा से बचने के लिए आपके पास और कोई बेहतर विकल्प नहीं हैं। कम प्रदूषण फैलाने की कोशिश करें। यह आपके रोजमर्रा के जीवन से लड़ने जैसा जंग है बेहतर होगा आप खुद को और आने वाली पीढ़ी को बेहतर सांस लेने की जगह दे पाएं।