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2 अक्टूबर: गांधी एक वचन है...तो शास्त्री एक शपथ.. देश के दो लाल..

By अंकुर शर्मा
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बैंगलुरू। आज है दो अक्टूबर का दिन...आज का दिन बड़ा महान.. आज के दिन दो फूल खिले थे.. जिनसे महका हिंदुस्तान.. जी हां आज ही के दिन भारत के दो ऐसे महान सपूतों का जन्मदिन हुआ है जिन्होंने अपने महान कर्मों से पूरे हिंदुस्तान को अपना कर्जदार बना लिया। हम बात कर रहे हैं बापू महात्मा गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की।

महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी 16 बातें जो शायद आप नहीं जानते

बापू का जन्मदिन देशभर में 'गांधी जयंती' के रूप में और दुनियाभर में 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाया जाता है। देश की स्वतंत्रता में बापू के अहिंसक संघर्ष का महत्वपूर्ण योगदान है तो वहीं भारत को जय जवान जय किसान का नारा देने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इस योगदान को जाया नहीं होने दिया है, उन्होंने लोगों को यह बताया कि अगर आप चाह लें तो आप कुछ भी कर सकते हैं, बशर्ते कि आप की नियत पाक-साफ हो।

भारत-पाक युद्ध 1965- जब लाल बहादुर शास्त्री जी खुद धोते थे कपड़े, नहीं लेते थे सैलरीभारत-पाक युद्ध 1965- जब लाल बहादुर शास्त्री जी खुद धोते थे कपड़े, नहीं लेते थे सैलरी

बापू और शास्त्री के आदर्श जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हम और बहुत सारी बातें करेंगे... जिनको पढ़ने के लिए आप नीचे की स्लाइडों पर क्लिक कीजिये...

2 अक्टूबर 1904

2 अक्टूबर 1904

शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। वह गांधी जी के विचारों और जीवनशैली से बेहद प्रेरित थे। उन्होने गांधी जी के असहयोग आंदोलन के समय देश सेवा का व्रत लिया था और देश की राजनीति में कूद पड़े थे।

उपनाम लगाना छोड़ दिया

उपनाम लगाना छोड़ दिया

लाल बहादुर शास्त्री जाति से श्रीवास्तव थे। लेकिन उन्होने अपने नाम के साथ अपना उपनाम लगाना छोड़ दिया था क्योंकि वह जाति प्रथा के घोर विरोधी थे। उनके नाम के साथ जुड़ा 'शास्त्री' काशी विद्यापीठ द्वारा दी गई उपाधि है। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होने 2 साल तक काम किया। उनका प्रधानमंत्रित्व काल 9 जून 1964 से 11जनवरी 1966 तक रहा।

विदेशियों के लिए भी गांंधी आदर्श

विदेशियों के लिए भी गांंधी आदर्श

तो वहीं गांधी जी से केवल भारतीय ही प्रभावित नहीं थे बल्कि विदेशों में भी गांधी जी के आदर्शों को माना जाता रहा है। साबरमति के इस संत ने अपने अहिंसावादि नीतियों से यह जता दिया कि इंसान अगर अपने आप पर भरोसा कर ले तो जीवन की हर कठिनाइयों का सामना वो कर सकता है।

1 दिन व्रत रखने की अपील

1 दिन व्रत रखने की अपील

बापू के आदर्शों पर चलने वाले लाल बहादुर ने उस समय अपना नाम सुनहरे शब्दों में अंकित कर लिया जब देश के कई हिस्सों में भयानक अकाल पड़ा था। उस समय शास्त्री जी ने देश के सभी लोगों को खाना मिल सके इसके लिए सभी देशवासियों से हफ्ते में 1 दिन व्रत रखने की अपील की थी। आज सशरीर शास्त्री हमारे बीच न सही लेकिन उनके आदर्श हमारे बीच में जिंदा है...इसलिए वो ना होकर भी हमारे बीच मौजूद हैं।

गांधी एक वचन..तो शास्त्री एक शपथ..

गांधी एक वचन..तो शास्त्री एक शपथ..

महात्मा गांधी एक शक्सियत नहीं. वो तो एक विस्वास हैं, जो हर इंसान के अंदर मौजूद है...वो एक वचन है जो हर कसम में साथ होते हैं... तो वहीं शास्त्री एक शपथ हैं जो हमें अपने कर्तव्यों का एहसास दिलाते हैं कि हम कुछ भी कर सकते हैं..इसलिए यह दोनों हमसे तो कभी अलग हो ही नहीं सकते..यह दोनों यहीं हैं हमारे पास..हमारे बीच.. हमारे साथ।

कौन हैं महात्मा गांधी- संत या एक काल्पनिक किरदार?

कौन हैं महात्मा गांधी- संत या एक काल्पनिक किरदार?

कौन हैं महात्मा गांधी- संत या एक काल्पनिक किरदार?

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English summary
Today Gandhi Jayanti & Lal Bahadur Shastri's Jayanti. Both Were Great Leaders Who Are Sacrified Their Lives For The Sake Of Country.Mahatma Gandhi Indian Spiritual and Shastri was Humanitarian.
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