CG: DMF फंड के दुरुपयोग पर सीएम भूपेश ने जताई नाराजगी, दुर्ग में इस साल खर्च होंगे 65 करोड़
दुर्ग 27 सितम्बर। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ फंड से होने वाले मनमाने खर्चों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोक लगा दी है। सीएम ने बीते दिनों बैठक में इसके लिए नाराजगी भी जाहिर की है। मुख्यमन्त्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अति आवश्यक वस्तुओं पर खर्च के लिए ही फंड का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर सभी जिलों में DMF फंड से ऐसा क्या हो रहा था की स्वयं सीएम को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।
सीएम
को
मिल
रही
थी
फिजूल
खर्च
की
शिकायतें
दरअसल
छत्तीसगढ़
के
दुर्ग,
रायपुर,
बलौदाबाजार
,रायगढ़,
बिलासपुर
,
कांकेर,
जैसे
सभी
जिलों
में
खनिज
उतखनन
से
प्राप्त
होने
वाली
राशि
के
लिए
जिला
खनिज
न्यास
निधि
माध्यम
से
शिक्षा
और
स्वास्थ्य
के
क्षेत्र
में
जमकर
खर्च
किया
जा
रहा
था।
इसके
साथ
ही
स्थानीय
मंडई
मेलों
में
भी
इस
राशि
का
मनमाना
उपयोग
किया
जा
रहा
था।
सीएम
को
निगरानी
समिति
के
माध्यम
से
भी
फिजुल
खर्च
की
शिकायतें
मिल
रही
थी।
स्थानीय
जनप्रतिनिधि
भी
कलेक्टर
से
इस
फंड
की
मांग
अपने
क्षेत्रों
में
छोटे
छोटे
विकास
कार्यों
के
करते
थे।
दुर्ग
में
डीएमएफ
फंड
का
इस
तरह
हो
रहा
उपयोग
कुछ
समय
पहले
ही
सीसीएम
मेडिकल
कॉलेज
हॉस्पिटल
के
लिए
अल्ट्रासाउंड
मशीन,
सोनोग्राफी
और
सुपेला
के
लाल
बहादुर
हॉस्पिटल
के
लिए
एक्सरे
मशीन
की
खरीदी
की
गई
है।
इसी
तरह
शिक्षा
विभाग
में
बच्चों
की
प्रतियोगी
परीक्षाओं
की
तैयारी,
स्वास्थ्य
विभाग
की
संविदा
भर्तियों
के
लिए
इस
फंड
का
उपयोग
किया
जा
रहा
है।
दुर्ग में 30 अगस्त को District Mineral Foundations समिति की बैठक रखी गई जिसमें 65 करोड़ के विकास कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिसमें 32 करोड़ के विकास कार्य सिर्फ शिक्षा विभाग के ही थे। इस राशि का उपयोग स्कूलों में बेहतरीन लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास आदि स्थापित करने में व्यय की जाएगी। इसके साथ ही डेढ़ करोड़ रुपए का प्रस्ताव विकास खंडों के लिए मिल्क चिलिंग एंड पैकेजिंग प्लांट का प्रस्ताव को सांसद, विधायकों की उपस्थिति में मंजूरी दी गई।
छत्तीसगढ़:
गरियाबंद
हीरा
खदान
को
शुरू
कराने
की
कवायद
में
जुटे
सीएम
भूपेश
बघेल,
दिए
ये
अहम
निर्देश
खरीदी
में
अधिकारी
करते
हैं
गड़बड़ी
रायपुर
में
खनिज
न्यास
मद
से
कृषि
उपकरणों
में
खरीदी
में
भारी
गड़बड़ी
सामन
आई
थी।
कृषि
उपकरणों
व
यंत्रों
को
बाजार
कीमत
से
ज्यादा
दरों
पर
खरीदी
का
मामला
सामने
आया
था।
बालोद
जिले
में
स्कूलों
की
मरम्मत
के
लिए
डीएमएफ
फंड
का
उपयोग
किया
गया।कोरबा
में
खेल
गढ़िया
मद
से
स्कूलों
में
खेल
सामग्री
खरीदी
का
मामला
सामने
आया
था।
इसी
तरह
कमीशन
के
खेल
में
डीएमएफ
फंड
का
दुरुपयोग
के
कई
मामले
सामने
आ
चुके
हैं।
DMF
फंड
के
मनमाने
खर्च
पर
सीएम
ने
जताई
नाराजगी
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
की
अध्यक्षता
में
रविवार
को
उनके
निवास
कार्यालय
में
खनिज
न्यास
मद
की
राज्य
स्तरीय
निगरानी
समिति
की
बैठक
आयोजित
हुई।
इस
बैठक
में
मुख्यमंत्री
के
तीखे
तेवर
दिखने
को
मिले।
फंड
के
मनमाने
खर्च
पर
लगाम
लगाने
के
लिए
मुख्यमंत्री
ने
अफसरों
को
सख्त
हिदायतें
दी
हैं।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
स्वास्थ्य
और
शिक्षा
के
क्षेत्र
में
जिस
तरह
से
मनमाने
तरीके
से
यह
राशि
खर्च
की
जा
रही
है।
इस
पर
रोक
लगाएं,
बल्कि
अति
आवश्यक
सेवाओं
के
लिए
ही
फंड
का
उपयोग
किया
जाए।
मुख्यमंत्री
ने
जिले
में
आयोजित
होने
वाले
मड़ई
मेला
आदि
समारोह
में
डीएमएफ
की
राशि
खर्च
नहीं
करने
के
निर्देश
दिए।
नए
जिलों
के
लिए
आबंटित
करें
DMF
की
राशि
मुख्यमंत्री
ने
निगरानी
समिति
में
अधिकारियों
को
निर्देशित
किया
कि
खनिज
मद
की
राशि
का
आबंटन
प्रत्यक्ष
और
अप्रत्यक्ष
प्रभावित
जिलों
में
निर्धारित
अनुपात
के
आधार
पर
किया
जाए।
इसमें
नवगठित
5
जिलों
के
लिए
भी
राशि
का
आवंटन
सुनिश्चित
किया
जाए,
ताकि
विकास
कार्यों
को
प्राथमिकता
के
साथ
समय
पर
पूर्ण
हो
सके।
बैठक
में
मंत्री
टीएस
सिंहदेव,
मंत्री
रविंद्र
चौबे,
मंत्री
मोहम्मद
अकबर,
मुख्यमंत्री
के
अपर
मुख्य
सचिव
सुब्रत
साहू
आदि
मौजूद
थे।
स्वामी
आत्मानन्द
स्कूलों
में
कर
सकतें
है
खर्च
मुख्यमंत्री
ने
डीएमएफ
फंड
की
मितव्ययता
रोकने
के
लिए
अब
स्वास्थ्य
व
शिक्षा
संबंधी
उपकरणों
की
खरीदी
के
लिए
विभागीय
बजट
का
उपयोग
करने
कहा
है।
इसके
लिए
डीएमएफ
मद
का
उपयोग
ना
हो।
उन्होंने
कहा,
स्वामी
आत्मानंद
उत्कृष्ट
विद्यालयों
के
लिए
इस
मद
से
आवश्यक
उपकरणों
की
खरीदी
की
जा
सकती
हैं।
इसी
प्रकार
खनिज
न्यास
मद
से
कार्यालयीन
उपयोग
के
लिए
वाहनों
की
खरीदी
न
करें,
लेकिन
स्वास्थ्य
जैसी
अति
आवश्यक
सेवाओं
के
लिए
एंबुलेंस
और
शव
वाहन
आदि
खरीदे
जा
सकेंगे।