केंद्रीय जेल दुर्ग की सुरक्षा में सेंध, आधी रात असिस्टेंट जेलर पर जानलेवा हमला, आरोपी अमित जोश गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित केंद्रीय जेल दुर्ग में पदस्थ असिस्टेंट जेलर अशोक साव के घर देर रात लगभग पांच से सात नकाबपोश हथियार बंद हमलावरों अचानक हमला कर दिया। हमलावरों ने साव के घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की।
दुर्ग, 14 जुलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित केंद्रीय जेल दुर्ग में पदस्थ असिस्टेंट जेलर अशोक साव के घर देर रात लगभग पांच से सात नकाबपोश हथियार बंद हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया। हमलावरों ने साव के घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की। डर के मारे घरवालों ने दरवाजा नहीं खोला और अंदर से ही पद्मनाभपुर पुलिस को फोन किया। लेकिन पुलिस के आने से पहले आरोपियों ने जमकर बवाल काटा, आरोपियों ने असिस्टेंट जेलर के घर का दरवाजा और खिड़की तोड़ा, इससे पहले कि पुलिस आती आरोपी वहां से भाग खड़े हुए। पुलिस पीड़ित पक्ष से हमलावरों के बारे में पूछताछ कर रही है।
आधी
रात
जेल
के
भीतर
पहुंची
पुलिस
पद्मनाभपुर
पुलिस
के
मुताबिक
बीती
देर
रात
लगभग
तीन
से
साढ़े
तीन
बजे
के
बीच
जेल
परिसर
दुर्ग
से
उनके
पास
फोन
आया
था।
फोन
करने
वालों
ने
बताया
कि
वो
असिस्टेंट
जेलर
अशोक
साव
के
घर
से
बोल
रहे
हैं।
वह
लोग
जेल
परिसर
दुर्ग
एफ
-3
में
रहते
हैं।
कुछ
लोगों
ने
उनके
घर
में
हमला
कर
दिया
है।
वह
लोग
घर
का
दरवाजा
और
खिड़की
तोड़
रहे
हैं।
वह
लोग
कह
रहे
हैं
कि
वो
सभी
लोगों
को
जान
से
मार
देंगे।
सूचना
मिलते
ही
पुलिस
की
पेट्रोलिंग
टीम
जेल
परिसर
के
लिए
रवाना
हुई।
आरोपी अमित जोश को पुलिस ने किया गिरफ्तार
घटना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने परिजनों के बताए हुलिया अनुसार आरोपियों की छानबीन शुरू की, जिसके बाद 3 दिन पहले ही जेल से रिहा हुए कुख्यात बदमाश अमित जोश और उनके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया गया है बाकी अन्य साथी फरार हैं। अमित जोश लोगों को डरान धमकाकर पैसे की वसूली करने व मारपीट करने के नाम पर कई बार जेल जा चुका है। अभी हाल ही में अमित व उसका एक साथी जेल से रिहा हुए थे।
आरोपियों
के
हौसले
बुलंद
दुर्ग
जिले
में
आरोपियों
के
हौसले
इतने
बुलंद
हैं
कि
आम
लोगों
तो
दूर
शासन
प्रशासन
के
अधिकारी
तक
सुरक्षित
नहीं
है।
केंद्रीय
जेल
दुर्ग
का
जेल
परिसर
काफी
सुरक्षित
है।
इसके
बाद
यहां
आरोपी
बेखौफ
होकर
हथियार
लेकर
घुसे।
दरवाजा
तोड़ने
की
कोशिश
की।
लोगों
को
जान
से
मारने
की
धमकी
दी
और
उन्हें
न
तो
कोई
देख
सका
और
न
पकड़
पाया।
घटना
की
सूचना
मिलते
ही
पुलिस
असिस्टेंट
जेलर
अशोक
साव
के
घर
में
हमला
करने
वाले
नकाबपोश
हमलावरों
की
छानबीन
में
जुट
गई
है।
पुलिस
अधिकारियों
का
दावा
है
कि
बाकि
आरोपियों
को
जल्द
ही
पकड़
लिया
जाएगा।
हमला
करने
गए
आरोपी
दो
तीन
दिन
पहले
ही
जेल
से
छूटे
हैं।
जेल
सुरक्षा
पर
खड़े
हो
रहे
सवाल
केंद्रीय
जेल
परिसर
में
जेल
प्रहरियों
की
सुरक्षा
ड्यूटी
रहती
है।
यहां
जेल
के
बाहर
से
लेकर
अंदर
तक
बड़ी
संख्या
में
जेल
प्रहरियों
की
ड्यूटी
लगाई
जाती
है।
ऐसे
में
जेल
परिसर
में
हथियार
लेकर
हमला
करने
की
घटना
जेल
प्रशासन
की
सुरक्षा
व्यवस्था
पर
सवाल
खड़ा
कर
रहा
है।
कुछ
दिन
पहले
ही
जेल
प्रहरी
के
सामने
अस्पताल
से
एक
कैदी
भाग
गया
जो
कि
आज
तक
पकड़ा
नहीं
जा
सका
है।