किसान आंदोलन: पहली बार जंतर-मंतर के प्रदर्शन में महिलाओं की संसद, बोलीं- काले कानून हटाए जाएं
नई दिल्ली। आठ महीनों से भी ज्यादा समय से चले आ रहे किसान आंदोलन में आज महिलाओं की मौजूदगी ने सुर्खियां बटोरीं। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से आगे बढ़ते हुए किसानों के जत्थे जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। जहां किसान संगठन अपनी एक संसद चला रहे हैं, जिसे उन्होंने 'किसान संसद' के तौर पर उद्घोषित किया है। इसी संसद की अगुवाई करने सोमवार को महिलाएं बसों से पहुंचीं। पुरुषों के साथ ही महिलाओं के हाथों में भी कृषि कानूनों के विरोध वाले बैनर नजर आए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा कि, "पहली बार, महिलाएं स्वतंत्र रूप से संसद ('किसान संसद') चलाएंगी।"
किसान संसद पहुंची महिलाओं का प्रदर्शन
तस्वीरें जंतर मंतर पर हो रहे किसान संगठनों के प्रर्दशन में शामिल हो रहीं महिलाओं की हैं। यहां पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के प्रदर्शनकारी जुटे हैं। किसान संगठनों के नेता कह रहे हैं कि, हमारी संसद को महिलाएं चलाएंगी। उन्होंने कहा कि, बड़ी संख्या में महिला प्रदर्शनकारी आज 'किसान संसद' के लिए जंतर-मंतर पहुंच रही हैं। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है। वहीं, पुलिस का कहना है कि, 200 प्रदर्शनकारियों के जत्थे को ही अनुमति दी जाएगी।
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26 जनवरी के बाद अब विरोध-प्रदर्शन की अनुमति
26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है, जब पुलिस ने किसानों को दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन की अनुमति दी है। हालांकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए राजधानी में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। आज 26 जुलाई है..इस बारे में भाकियू नेता राकेश टिकैत का कहना है कि, किसान हर महीने की 26 तारीख को व्यापक प्रदर्शन किया करेंगे। ऐसे में आज किसान संसद लगी है और महिलाएं उसकी अगुवाई को पहुंची हैं।
बोले किसान नेता- BJP को पूरी तरह अलग थलग कर देंगे
'5 सितंबर से शुरू होगा मिशन यूपी'
दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन शुरू होने के बाद किसान संगठनों का अगला लक्ष्य है 'मिशन यूपी'। इस बारे में किसान नेता भंगू ने कहा कि, हमारा यूपी मिशन 5 सितंबर से शुरू होगा। उन्होंने कहा, ''हजारों किसान उसमें शामिल होंगे। फिर देखिएगा.. हम बीजेपी को पूरी तरह से अलग-थलग कर देंगे। यदि वे (केंद्र सरकार) चाहें तो तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर सकते हैं... हमारे पास इन्हें रद्द कराने के अलावा और विकल्प नहीं है। तो सरकार समझ ले..वो इन्हें निरस्त करने की बात करेगी तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं।''