जामा मस्जिद में महिलाओं पर लगा प्रतिबंध हटा, एलजी से बात के बाद शाही इमाम ने फैसला लिया वापस
Jama Masjid: जामा मस्जिद में अकेले महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले पर लगातार विवाद हो रहा है। इस बीच दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी से फोन पर बात की है। बातचीत के दौरान उन्होंने जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी से अपील की है कि वह जामा मस्जिद में अकेले महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले पर फिर से विचार करें। इमाम बुखारी ने इस बात पर सहमति जताई है कि वह इस फैसले को वापस लेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोगों से अपील करेंगे कि जामा मस्जिद आने वाले पर्यटक इसका सम्मान करें और मस्जिद की पवित्रता का खयाल रखें। इस बीच जामा मस्जिद पर अकेली महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश पर प्रतिबंध के बोर्ड को हटा दिया गया है।
जिस तरह से जामा मस्जिद पर अकेली महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का फैसला लगा उसके बाद शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि यहां लड़कियां अकेले आती हैं, अपने दोस्तों का इंतजार करती हैं। यही वजह है कि मस्जिद के भीतर अकेले लड़कियों के आने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया। मस्जिद इस तरह के काम के लिए नहीं है, यह लोगों को समझना चाहिए कि यह पार्क नहीं है। जामा मस्जिद इबादत की जगह है, यहां जो भी इबादत करने आना चाहता है उसका स्वागत है। मस्जिद में जो औरतें मस्जिद पढ़ने के लिए आती हैं उनपर यह प्रतिबंध नहीं है।
बुखारी ने कहा कि मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारा इबादत की जगहे हैं, इबादत के लिए किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन यहां 20-25 लड़कियां आती हैं और दूसरों का इंतजार करती हैं। इस बात की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वहीं जामा मस्जिद के फैसले पर दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने इसकी तुलना इरान से कर डाली। उन्होंने कहा कि इबादत का अधिकार जितना पुरुषों का है उतना ही महिलाओं का है, मैंने जामा मस्जिद को इस फैसले के खिलाफ नोटिस भेज रही हूं।