ऑनलाइन लेख लिखने पर आईआईएमसी प्रशासन ने छात्र को किया सस्पेंड
निलंबन पत्र में कहा गया है कि रोहिन लगातार इस तरह के लेख लिख रहे थे जो संस्थान के अनुशासन को तोड़ रहे थे और उनके लेख लगातार छात्रों को संस्थान के खिलाफ अनुशासनहीनता और अशांति के लिए उकसा रहे थे।
नई दिल्ली। देश के सबसे प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों मे शुमार नई दिल्ली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) एक बार फिर से सुर्खियों में है। हिन्दी पत्रकारिता के छात्र रोहिन कुमार को अपने ऑनलाइन लेखन में संस्थान के नियमों का उल्लंघन करन के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। अपने खिलाफ कार्रवाई पर रोहिन ने नोटिस ना देकर सीधे सस्पेंड करने को अन्याय कहा है। वहीं निलंबन पत्र में रोहिन को लगातार संस्थान के कायदे कानून को ताक पर रखने के चलते निंलबित करने की बात कही गई है।
आईआईएसी के हिन्दी डिप्लोमा के छात्र रोहिन कुमार को संस्थान ने 9 जनवरी को निलंबित कर दिया। इस बाबत को निलंबन पत्र उस पर उनके निलंबन का कारण ऑनलाइन लेखन को बताया गया है। निलंबन पत्र में कहा गया है कि रोहिन लगातार इस तरह के लेख लिख रहे थे जो संस्थान के अनुशासन को तोड़ रहे थे और उनके लेख लगातार छात्रों को संस्थान के खिलाफ अनुशासनहीनता और अशांति के लिए उकसा रहे थे। ऐसे में अनुशासन कमेटी ने मामले को देखा और रोहिन के निलंबन का फैसला किया है।
रोहिन ने इस लेटर को सोशल मीडिया पर शेयर किया है उनको आईआईएमसी के पूर्व छात्रों से लगातार इस पर समर्थन मिल रहा है। पत्रकारिता जगत से जुड़े लोग इसे एक अजीब फैसला बता रहे हैं, जिसमें पत्रकारिता के छात्र को लिखने की वजह से निंलबित कर दिया है। रोहिन ने भी अपनी फेसबुक वॉल पर इस निंलबन पर सफाई दी है। उनका कहना है कि आईआईएसी ने मेरे साथ न्याय नहीं किया है। उन्होंने जो फेसबुक पर लिखा है, वो आप पढ़ सकते हैं।
रोहन ने लिका है, "IIMC ने मुझे 'ऑनलाइन मीडिया' पर लिखने की वजह से सस्पेंड कर दिया है। मुझे नोटिस नहीं, सस्पेंशन आर्डर थमाया गया है. लाइब्रेरी और हॉस्टल में ही नही कैंपस तक में आने से मना कर दिया है. गार्ड्स को मेरी तस्वीर दे दी गई है ताकि वो मुझे रोक सके. कारण है हमारा ऑनलाइन मीडिया में लिखना. आर्डर में लिखा है कि हमारा ऑनलाइन मीडिया में लिखना संस्थान के अकादमिक माहौल को खराब कर रहा है. कह रहे हैं हमारी लेखनी आईआईएमसी के साथियों को उकसा रही है। विगत 29/12/2016 को हमारे रेडियो टीवी विभाग के पांच स्टूडेंट्स को सोशल मीडिया पर लगातार लिखने के बावजूद, पहले उन्हें IIMC के disciplinary committee के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया गया. नोटिस के बाद उन्हें पक्ष रखने का मौका देकर कमेटी द्वारा सुनवाई की गई. सुनवाई के बाद उन्हें सम्बन्धित आर्डर से सूचित किया गया। जबकि, मेरे मामले में कमेटी के सामने पेश होने सम्बन्धी नोटिस दिए बिना सस्पेंड कर दिया गया. आर्डर में कमेटी का गठन कब होगा इसकी कोई सूचना नहीं दी गई है.''
रोहिन ने अपने खिलाफ उठाए कदम को जल्दबाजी में लिया गया फैसला कहा है. उनके मुताबिक ''प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत होता है की प्रशासन ने इतनी जल्दीबाजी में ये फैसला लिया की उन्होंने IIMC के ऑफिसियल दस्तावेज में मेरा क्या वास्तविक नाम है इसे पता करना भी जरुरी नहीं समझा. आपको बता दूं, IIMC के ऑफिसियल दस्तावेज में मेरा नाम 'ROHIN KUMAR' है और फेसबुक पर 'ROHIN VERMA'.अभी मैं अपना कोई पक्ष नहीं रख रहा क्यूंकि लगाये गए आरोप बहुत ही सब्जेक्टिव है. हमने आजतक ऐसा कुछ भी नहीं लिखा जो defamatory, discriminatory, harassing, threatening या obscene हैं. आईआईएमसी आये तो चार-पांच महीने ही हुए हैं, ऑनलाइन मीडिया पर काफी वक़्त से लिख रहा हूं लेकिन कभी सोचा नहीं था मीडिया संस्थान ही हमें लिखने के लिए सस्पेंड कर देगा. खैर, अब तो हो ही गया हूं! आज आप भी हमारे प्रोफाइल से गुजरिये और पता कीजिये आखिर मैं ऐसा क्या लिखता रहा हूं. जिसके लिखे से कैंपस में 'unrest' और 'vitiating academic atmosphere' हो सकता है. जो शख्स अकादमिक माहौल, डिबेट-डिशक्शन को हमेशा वरीयता देता आया हो उसपर ही इसे खराब करने का आरोप मढ़ दिया.''
जब हमने रोहिन का फेसबुक अकाउंट खंगाला तो 7 जनवरी को न्यूज लाउंड्री नाम की वेबसाइट पर उनका लेख मिला है, जिसमें उन्होंने आईआईएमसी में छात्रों को सर्विलांस में रखने की बात कही है। साथ ही हाल ही में आईआईएमसी में नौकरी से हटाए गए प्रोफेसर नरेंन सिंह के समर्थन में भी लिखा है। राहिन ने छात्रों के सोशल मीडिया पर लिखने पर रोक-टोक को गलत बताया है. निलंबन के पीछे यही वजह बताई जा रही है। भले ही संस्थान ने रोहिन को सस्पेंड कर दिया है लेकिन सोशल मीडिया पर उनको काफी समर्थन मिल रहा है। पत्रकारिता जगत के लोग और आईआईएमसी के पूर्व छात्र इसे अभिव्यक्ति की आजादी के साथ-साथ संस्थान में खुले विचारों पर पहरा बता रहे हैं।