Delhi: IAS अधिकारी ने सरकारी आवास बनवाने के लिए गिरवाया 15वीं शताब्दी का स्मारक, मिला नोटिस
दिल्ली में एक स्मारक को इसलिए गिरा दिया गया, ताकि आईएएस अधिकारी का सरकारी आवास वहां पर बन सके। अब सतर्कता विभाग ने आईएएस को नोटिस जारी किया है।
दिल्ली में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कुछ साल पहले अपने आधिकारिक आवास का निर्माण करवाया। आरोप है कि उन्होंने इसके लिए 15वीं शताब्दी के एक स्मारक को ही गिरा दिया। जिस पर दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने उनको नोटिस जारी किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2007 बैच के आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय अभी मिजोरम में पोस्टेड हैं, लेकिन कुछ वक्त पहले वो दिल्ली जल बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। उस वक्त उन्होंने अपने आधिकारिक आवास का निर्माण करवाया। जिसके लिए स्मारक को गिराया गया।
दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने राय और दिल्ली जल बोर्ड के पांच इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें दो हफ्ते के अंदर इस नोटिस का जवाब देने को कहा गया। बताया जा रहा कि वो स्मारक पठान काल का एक महल था। साथ ही सैय्यद वंश के खिज्र खान द्वारा स्थापित खिजराबाद शहर का एकमात्र अवशेष था।
ये महल पुरातत्व विभाग की नजर में था। उसकी टीम ने दिसंबर 2020 में इसका दौरा किया और जल बोर्ड को उसे सौंपने को कहा। जल बोर्ड ने भी उसकी प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन इस साल जनवरी में जब टीम पहुंची तो पता चला कि वो महल गायब है।
सतर्कता विभाग ने आरोप लगाया कि उदित प्रकाश राय ने हैंडओवर को रोका था। उनके ही इशारे पर स्मारक को गिराया गया और जल बोर्ड के इंजीनियर्स ने उनकी मदद की।
राजनीतिक
दलों
ने
की
कार्रवाई
की
मांग
वहीं
दूसरी
ओर
इस
मुद्दे
को
लेकर
राजनीति
शुरू
हो
गई
है।
मामले
में
बीजेपी
और
टीएमसी
समेत
कई
दलों
ने
इसके
लिए
जिम्मेदार
अधिकारियों
पर
कार्रवाई
की
मांग
की।
वहीं
टीएमसी
सांसद
महुआ
ने
ट्वीट
कर
लिखा
कि
15वीं
शताब्दी
के
स्मारक
को
सरकारी
अधिकारी
के
बंगले
के
निर्माण
के
लिए
ध्वस्त
कर
दिया
गया।
क्या
भारतीय
पुरातत्व
सर्वेक्षण
और
संस्कृति
मंत्रालय
फिर
से
झपकी
ले
रहे
हैं?
दिल्ली
बीजेपी
चीफ
ने
भी
उपराज्यपाल
को
पत्र
लिख
उच्चस्तरीय
जांच
की
मांग
की।
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